मनपा और राज्य स्वास्थ्य तंत्र सतर्क…स्क्रब टाइफस ने बढ़ाई टेंशन!

Rokthok Lekhani
मुंबई : हिंदुस्थान में एक तरफ कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और चौथी लहर आने की स्थिति पैदा हो गई है। इसी बीच एक और बीमारी ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में स्क्रब टायफस ने आतंक मचा रखा है। इस बीमारी को लेकर चिकित्सा जानकारों ने चेताते हुए कहा है कि सावधान रहें, नहीं तो जान आफत में पड़ सकती है।
लक्षण दिखाई देने पर तत्काल उपचार कर बीमारी को ठीक किया जा सकता है। बताया गया है कि कोलकाता में इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं, जिसने वेंâद्रीय स्वास्थ्य तंत्र को चिंता में डाल दिया है। इस बीमारी को लेकर राज्य का समूचा स्वास्थ्य विभाग एवं मुंबई मनपा पूरी तरह से मुस्तैद और सतर्क हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यह बीमारी मुंबई और महाराष्ट्र में आती है तो इसे शिकस्त देने के लिए सभी जरूरी तैयारियां की गई हैं। ऐसे में बीमारी को लेकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
चिकित्सा जानकारों के मुताबिक इस बीमारी का सर्वाधिक शिकार छोटे बच्चे हो रहे हैं। पाक सर्कल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बीते ३ सप्ताह में करीब १० बच्चों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाए गए हैं। उन सभी को अस्पताल में भर्ती किया गया है। पश्चिम बंगाल में स्थित कुल ४४ लैब में स्पेशल किट भेजे गए हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी एक खास कीट से फैलती है। वर्तमान जलवायु के दौरान प्रकोप तेज हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। साथ ही थोंब्रोसाइटोपेनिक माइट्स नामक कीट शरीर में प्रवेश कर जाता है और शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। अगर इस बीमारी का जल्द पता चल जाए तो इलाज किया जा सकता है लेकिन देर होने पर यह जीवाणु जानलेवा हो जाता है।
सामान्य बुखार की तरह बदन दर्द, शरीर में कीड़े के काटने जैसे घाव, सिरदर्द, हाथ-पैर में तेज दर्द, आंखों में दर्द, उल्टी और पेट की समस्या जैसे लक्षण शामिल हैं। अगर आपको बिना सर्दी-जुकाम के ४-६ दिनों तक बुखार रहता है तो इन लक्षणों को सामान्य मानकर नजरअंदाज न करें। पैरासिटामोल लेने में देरी न करें। मरीजों को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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