महाराष्ट्र में स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा गई... दो लाख लोगों के पीछे एक अस्पताल
The health system in Maharashtra has also collapsed… One hospital behind two lakh people.
वर्ष २०२१-२२ में अस्पतालों की कुल संख्या ५०३ थी, जबकि बेडों की संख्या २६,८२३ थी। वर्ष २०२२-२३ में अस्पतालों की संख्या बढ़कर ५१२ हो गई। इसके साथ ही ५१४ नए बेडों के जुड़ने से राज्य में इसकी संख्या बढ़कर २७,३३७ हो गई। वर्ष २०११-१२ में जिला चिकित्सालयों की संख्या २३ थी, जो वर्ष २०२२-२३ में से घटकर २२ रह गई है। वर्ष २०२१-२२ में १३ अस्पतालों में खाटों की संख्या ६,१६९ थी। वर्ष २०२२-२३ में इन अस्पतालों में १,०३६ बेड कम हो गए और यह घटकर ५,१३३ रह गई है।
मुंबई : महाराष्ट्र राज्य की अनुमानित जनसंख्या १२.४९ करोड़ है। राज्य में ५१२ सरकारी अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में बेडों की संख्या २७,३३७ है। हालांकि, महाराष्ट्र में औसतन प्रति २,३४,६०१ की जनसंख्या पर एक अस्पताल और ४,२६४ व्यक्ति पर एक रोगी बेड उपलब्ध है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंड के अनुसार, प्रति ४० जनसंख्या पर एक मरीज बेड होना चाहिए। इसके बावजूद प्रदेश में प्रति ४,२६४ लोगों पर एक मरीज बेड उपलब्ध है।
यह जानकारी एक संस्था द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताई गई है। यदि राज्य में जिला स्तर पर मरीज के बेड़ों की स्थिति पर नजर डालें, तो यहां की स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता देखी जा सकती है। ऐसे में आपातकालीन स्थिति पैदा हुई तो क्या व्यवस्था होगी? आलम यह है कि अब महाराष्ट्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की तुलना अप्रâीकी देशों से होने लगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को इस पर विचार करना जरूरी है।
वर्ष २०२१-२२ में अस्पतालों की कुल संख्या ५०३ थी, जबकि बेडों की संख्या २६,८२३ थी। वर्ष २०२२-२३ में अस्पतालों की संख्या बढ़कर ५१२ हो गई। इसके साथ ही ५१४ नए बेडों के जुड़ने से राज्य में इसकी संख्या बढ़कर २७,३३७ हो गई। वर्ष २०११-१२ में जिला चिकित्सालयों की संख्या २३ थी, जो वर्ष २०२२-२३ में से घटकर २२ रह गई है। वर्ष २०२१-२२ में १३ अस्पतालों में खाटों की संख्या ६,१६९ थी। वर्ष २०२२-२३ में इन अस्पतालों में १,०३६ बेड कम हो गए और यह घटकर ५,१३३ रह गई है।

