...अब बारिश में नहीं डूबेंगी सेंट्रल रेलवे की पटरियां, रेलवे पर जाली से रुकेगा जलजमाव

... Now the tracks of Central Railway will not drown in the rain, water logging will stop on the railway

...अब बारिश में नहीं डूबेंगी सेंट्रल रेलवे की पटरियां, रेलवे पर जाली से रुकेगा जलजमाव

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि ट्रैक के बीच में जाली लगाने से पानी निकासी में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा जो पानी बहकर समंदर में जाता है, उसमें बहुत सारा प्लास्टिक और अन्य कचरा चला जाता है, वह भी कम होगा। सुतार ने बताया कि कई बार कचरा इतना बढ़ जाता है कि कल्वर्ट इत्यादि में निकासी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और ट्रैक पर जलभराव का स्तर बढ़ने लगता है।

मुंबई: मॉनसून में ट्रेनों का परिचालन प्रभावित न हो, इसके लिए रेलवे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। नाला सफाई, कल्वर्ट सफाई, ट्रैक को उठाने, जलजमाव वाले एरिया में पंप लगाने इत्यादि का काम हो रहा है। बारिश के दौरान ट्रैक पर जमा पानी को निकालने के लिए जो ट्रैक के बीच में नालियां बनीं होती हैं, उनमें अक्सर कचरा या प्लास्टिक अटक जाने से परेशानी होती है। इससे बचने के लिए अब रेलवे ने लोहे की जालियां लगाने का निर्णय लिया है।

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि ट्रैक के बीच में जाली लगाने से पानी निकासी में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा जो पानी बहकर समंदर में जाता है, उसमें बहुत सारा प्लास्टिक और अन्य कचरा चला जाता है, वह भी कम होगा। सुतार ने बताया कि कई बार कचरा इतना बढ़ जाता है कि कल्वर्ट इत्यादि में निकासी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और ट्रैक पर जलभराव का स्तर बढ़ने लगता है।

मध्य रेलवे फिलहाल दादर से सीएसएमटी के बीच उन एरिया में जाली लगाने का काम कर रही है, जहां शहरी इलाकों से नीचा ट्रैक है। भायखला, चुनाभट्टी और चिंचपोकली में ये काम किया जा चुका है। सीएसएमटी और मस्जिद में भी लगाया जाएगा।