प्रकाश आंबेडकर ने इंडिया गठबंधन  में शामिल होने के लिए रखी बड़ी शर्त

Prakash Ambedkar put a big condition for joining India alliance

प्रकाश आंबेडकर ने इंडिया गठबंधन  में शामिल होने के लिए रखी बड़ी शर्त

मुंबई। प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी की ओर से महाविकास अघाड़ी में शामिल होने के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया गया है.छत्रपति संभाजी नगर जिले में प्रदेश अध्यक्ष रेखा ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारणी की बैठक आयोजित की गई. बैठक में ये फॉर्मूला तय किया गया कि अगर इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन में वंचित बहुजन आघाड़ी शामिल होती है या उन्हें शामिल किया जाता है तो ऐसे में चारों पार्टियों (कांग्रेस, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट, एनसीपी शरद पवार गुट और वंचित बहुजन आघाडी) के बीच में समान सीटों का बटवारा होना चाहिए.

मुंबई। प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी की ओर से महाविकास अघाड़ी में शामिल होने के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया गया है.छत्रपति संभाजी नगर जिले में प्रदेश अध्यक्ष रेखा ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारणी की बैठक आयोजित की गई. बैठक में ये फॉर्मूला तय किया गया कि अगर इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन में वंचित बहुजन आघाड़ी शामिल होती है या उन्हें शामिल किया जाता है तो ऐसे में चारों पार्टियों (कांग्रेस, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट, एनसीपी शरद पवार गुट और वंचित बहुजन आघाडी) के बीच में समान सीटों का बटवारा होना चाहिए. महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटे हैं. वंचित बहुजन आघाडी ने लोकसभा की 12 सीट मिलने की इच्छा जताई है.


कोई पहला मौका नहीं है जब प्रकाश आंबेडकर ने इंडिया गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. प्रकाश आंबेडकर ने मौके मौके पर इस बात के संकेत दिए कि वो इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं. लेकिन अभी तक उन्हें इसका साफ़ जवाब नहीं मिल पाया है. पटना और बेंगलुरू के बाद विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक जब मुंबई में हुई थी तो उन्हें उम्मीद थी कि बुलाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोकसभा चुनाव नज़दीक आता देख प्रकाश आंबेडकर इतना तक कह चुके हैं कि कांग्रेस और एनसीपी से बात नहीं बनी तो चुनावी मैदान में उद्धव ठाकरे गुट के साथ 50- 50 के फॉर्मूला पर जाएंगे. 

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दरअसल इंडिया गठबंधन बनने से पहले पिछले साल राज्य में उद्धव ठाकरे की पार्टी और प्रकाश आंबेडकर की पार्टी में गठबंधन हुआ जो आज भी बरकरार है. दोनों नेताओ को उम्मीद थी कि वंचित बहुजन अघाड़ी को कांग्रेस और एनसीपी के राज़ी होने के बाद महाविकास अघाड़ी में जगह मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है. वहीं, दूसरी तरफ अगर प्रकाश आंबेडकर अकेले चुनाव में जाते हैं तो राज्य का दलित और पिछड़ा वर्ग महाविकास आघाड़ी से नाराज़ हो सकता है. लिहाज़ा महाविकास अघाड़ी के नेता अंबडेकर को लेकर संयम बरत रहे हैं.

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