बांद्रा में बिल्डर से वसूली की कोशिश... 4 गिरफ्तार
Attempt to extort money from builder in Bandra... 4 arrested
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 10 जनवरी को बांद्रा के कॉफी शॉप में एक बैठक हुई, जिसमें एक अपराधी ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताया और पैसे न देने पर ईडी की कार्रवाई की धौंस दी। मामला आधिकारिक तौर पर बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है और बाद में आगे की जांच के लिए यूनिट 9 को सौंप दिया गया है।
मुंबई : मुंबई के प्रसिद्ध डेवलपर्स से वसूली करने के मामले में रियल एस्टेट और शेयर बाजार से जुड़े हुए गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों में से एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बनकर फोन किया और 164 करोड़ रुपये मांगे और न देने पर ईडी के मामलों में फंसाने की धमकी दी। अपराध शाखा मामले की अधिक जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रियल एस्टेट और शेयर बाजार से जुड़े चार व्यक्तियों को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा यूनिट 9 ने कथित तौर पर मुंबई के एक डेवलपर से 164 करोड़ रुपये की धमकी देने और जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपियों में से एक ने बड़ी रकम का भुगतान नहीं करने पर बिल्डर को प्रवर्तन निदेशालय के मामले में फंसाने की धमकी दी थी।
गिरफ्तार किये गए आरोपियों में राजेंद्र सिरसट, राजेश केडिया, कल्पेश भोसले और अबरीश दुबे का नाम शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक ये सभी आरोपी रियल एस्टेट से जुड़े हुए हैं, जबकि पांचवां आरोपी संदीप ताड़गे शेयर बाजार में काम करता है। इसके अलावा सतीश धानुका को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। उसकी तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस ने मामले के संबंध में दो और भी संदिग्धों की पहचान की है और उनकी तलाश कर रही है।
शिकायत में ओमकार बिल्डर के डायरेक्टर में से एक ताराचंद वर्मा ने कहा है कि सकतिष धनुका नामक शख्स ने 164 करोड़ रुपये की मांग की कर कहा कि तुमने बहुत पैसे कमाया है एफएसआई ज्यादा मिला है। इसपकर वर्मा ने कहा कि हमारे बीच हुआ एग्रीमेंट रद्द हो गया था तो पैसक कैसा। इसे लेकर धनुका और उसने साथ मौंउद लोगों ने परिवार का एक्सीडेंट ककरने की धमकी भी दी। शिकायत में यह भी कहा गया है कि घटना का खुलासा तब हुआ जब आरोपी ने 6 जनवरी को पीड़ित से संपर्क कर पैसे की मांग की।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 10 जनवरी को बांद्रा के कॉफी शॉप में एक बैठक हुई, जिसमें एक अपराधी ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताया और पैसे न देने पर ईडी की कार्रवाई की धौंस दी। मामला आधिकारिक तौर पर बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है और बाद में आगे की जांच के लिए यूनिट 9 को सौंप दिया गया है।
शिकायतकर्ता जबरन वसूली के आगे झुकने को तैयार नहीं था और उसने एक कॉफी शॉप में बैठक के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी से सहायता मांगी। पुलिस ने प्रतिष्ठान से सीसीटीवी फुटेज हासिल किया है, जिसमें बैठक के दौरान आरोपियों की मौजूदगी कैद है। जबरन वसूली की साजिश में शामिल शेष संदिग्धों का पता लगाने और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किया जा रहे हैं।

