सीएम शिंदे ने राणा दंपती को महायुति के अनुशासन का पालन करने की सलाह दी
CM Shinde advised the Rana couple to follow the discipline of Mahayuti
अमरावती का ऊन निर्वाचन क्षेत्र बीते लोकसभा चुनाव से ही महायुति के लिए सिरदर्द बन हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के नेता और दरियापुर के पूर्व विधायक कैप्टन अभिजीत अडसुल और महायुति में शामिल पूर्व सांसद नवनीत राणा के बीच समय-समय पर विवाद छिड़ता रहा है. यही विवाद विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है. नवनीत राणा ने कैप्टन अभिजीत अडसुल पर महायुति में होने का बावजूद जुबानी हमला बोला है.
मुंबई: अमरावती का ऊन निर्वाचन क्षेत्र बीते लोकसभा चुनाव से ही महायुति के लिए सिरदर्द बन हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के नेता और दरियापुर के पूर्व विधायक कैप्टन अभिजीत अडसुल और महायुति में शामिल पूर्व सांसद नवनीत राणा के बीच समय-समय पर विवाद छिड़ता रहा है. यही विवाद विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है. नवनीत राणा ने कैप्टन अभिजीत अडसुल पर महायुति में होने का बावजूद जुबानी हमला बोला है.
इसी तरह कुछ दिन पहले बडनेरा प्रत्याशी और नवनीत राणा के पति रवि राणा ने भी अमरावती बीजेपी कार्यालय में बैठक के दौरान ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने कहा कि भले ही अमरावती की एक सीट कम हो जाए, लेकिन कमल को चुना जाना चाहिए. इसके बाद महायुति के ही प्रत्याशी के खिलाफ रवि राणा के इस बयान पर अजित पवार ने एक सभा में राणा दंपती की खिंचाई की थी. इसके बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभा में राणा दंपती को चेतावनी देते हुए उन्हें महायुति के अनुशासन का पालन करने की सलाह दी.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोकसभा में महायुति सरकार आपके साथ खड़ी थी, महायुति में कैप्टन अभिजीत भी हमारी सरकार के लिए जरूरी हैं. राणा दंपती को महायुति के अनुशासन का पालन करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने राणा दंपत्ति को चेतावनी दी है कि वे महागठबंधन में रहकर बगावत की बात न करें. एकनाथ शिंदे ने लोगों से 20 नंवबर को कैप्टन अभिजीत अडसुल का विमान उड़ाने की अपील की.
इससे पहले लड़की बहिन योजना को लेकर दिए एक बयान के वजह से रवि राणा विपक्ष के निशाने पर आ गए थे. दरअसल, उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आएगी तो हम लड़की बहिन योजना की राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर देंगे. इसके लिए मुझे आपका आर्शीवाद चाहिए, लेकिन अगर आप मुझे आर्शीवाद नहीं देंगे तो मैं 1500 रुपये भी वापस ले लूंगा, राणा के बयान पर विपक्ष की तरफ से सवाल खड़े किए गए थे कि यह योजना चुनावी है.
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