फडणवीस के दावों पर अंबादास दानवे ने कसा तंज, पहले पकड़ तो लो… पैसे नहीं न्याय चाहिए
Ambadas Danve took a jibe at Fadnavis' claims, first catch him... we want justice not money
अंबादास दानवे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस के पास गृह विभाग भी है और वह कहते रहते हैं कि वह इस मामले में शामिल किसी को भी नहीं बख्शेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें पहले फरार आरोपियों को पकड़ना होगा। बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। कथित तौर पर यह हत्या एक पवनचक्की परियोजना से जुड़ी ऊर्जा कंपनी के खिलाफ जबरन वसूली को रोकने के उनके प्रयासों के कारण की गई।
छत्रपति संभाजीनगर: बीड में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड को लेकर माहौल गरमाया हुआ है और इस पर राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने देवेंद्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधा जा रहा था क्योंकि सरपंच हत्या के मामले का एक आरोपी घटना के एक महीने बाद भी फरार है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अंबादास दानवे ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले के फरार आरोपियों को पहले गिरफ्तार करना चाहिए और फिर यह कहना चाहिए कि वह किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी।
अंबादास दानवे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस के पास गृह विभाग भी है और वह कहते रहते हैं कि वह इस मामले में शामिल किसी को भी नहीं बख्शेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें पहले फरार आरोपियों को पकड़ना होगा। बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। कथित तौर पर यह हत्या एक पवनचक्की परियोजना से जुड़ी ऊर्जा कंपनी के खिलाफ जबरन वसूली को रोकने के उनके प्रयासों के कारण की गई।
पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी अब भी फरार है। महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। सरकार पर निशाना साधते हुए दानवे ने कहा कि सरपंच की हत्या को एक महीना बीत चुका है लेकिन इस मामले में छठा आरोपी (23) अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। दूसरी ओर राज्य सरकार जनता की मांग के बावजूद मंत्री धनंजय मुंडे से इस्तीफा नहीं मांग रही है।
एक अन्य मामले में पिछले महीने परभणी में न्यायिक हिरासत में मारे गए दलित व्यक्ति सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार के सदस्यों ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये की सहायता लेने से इनकार कर दिया। इस मामले पर भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए दानवे ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, परभणी में सूर्यवंशी परिवार ने कल विनम्रतापूर्वक उन्हें दी गई सरकारी सहायता को अस्वीकार कर दिया। वे न्याय नहीं, सहायता मांग रहे हैं। सूर्यवंशी परिवार ने यह भावना व्यक्त की कि सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत के लिए जि
म्मेदार पुलिस अभी भी खुलेआम घूम रही है, उनके खिलाफ अभी तक कोई साधारण एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
गृह मंत्रालय की मंशा के बारे में बात करने के लिए निश्चित रूप से दूसरों के लिए जगह है। गृह मंत्री हमेशा इधर-उधर की बातें करते रहते हैं। मैं भी आज उनसे एक बात कहना चाहता हूं। ‘न्याय में देरी न्याय से वंचित होने के समान है’। सूर्यवंशी (35) की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। उन्हें पिछले साल दिसंबर में कांच के बक्से में रखी संविधान की प्रतिकृति के अपमान को लेकर महाराष्ट्र के परभणी शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
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