नालासोपारा : पाकिस्तान की तरफदारी तीन युवकों को भारी पड़ गई; गिरफ्तार 

Nalasopara: Three young men in favor of Pakistan were found guilty; arrested

नालासोपारा : पाकिस्तान की तरफदारी तीन युवकों को भारी पड़ गई; गिरफ्तार 

पाकिस्तान की तरफदारी तीन युवकों को भारी पड़ गई। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी पहचान उस्मान गनी, तौशीद आजाद शेख और अदनान अफसर शेख के रूप में हुई है। तीनों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इससे इलाके में तनाव बढ़ गया है। घटना 25 अप्रैल को नालासोपारा में उस समय सामने आई, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में एक प्रदर्शन आयोजित किया गया था।

नालासोपारा : पाकिस्तान की तरफदारी तीन युवकों को भारी पड़ गई। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी पहचान उस्मान गनी, तौशीद आजाद शेख और अदनान अफसर शेख के रूप में हुई है। तीनों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इससे इलाके में तनाव बढ़ गया है। घटना 25 अप्रैल को नालासोपारा में उस समय सामने आई, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में एक प्रदर्शन आयोजित किया गया था।

 

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इस प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने पाकिस्तानी झंडे का इस्तेमाल किया, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने दावा किया कि इस झंडे का इस्तेमाल रोका नहीं जाना चाहिए। इसी को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच बहस छिड़ गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। शांति और संयम बरतने की अपील स्थानीय निवासी महेंद्र कुमार माली ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज की। शिकायत के आधार पर नालासोपारा पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विशाल वलवी ने बताया कि आरोपियों पर आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच शुरू कर दी है।

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वहीं, पुलिस ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। स्थानीय लोगों से शांति और संयम बरतने की अपील की गई है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या भड़काऊ गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। इस हमले में 26 पर्यटकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में खटास पैदा हो गई। इस हमले के विरोध में केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों को भी देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया है।
 

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