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पुणे : गोखले संस्थान के सचिव धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार

पुणे : गोखले संस्थान के सचिव धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार प्रतिष्ठित गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई) के फंड का जमीन खरीदने के नाम पर दुरुपयोग करने पर सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी के सचिव को गिरफ्तार किया गया है। सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी जीआईपीई की मूल संस्था है। सचिव पर आरोप है कि उन्होंने जीआईपीई से जमीन खरीदने के लिए मिले फंड का गलत इस्तेमाल किया। संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार विशाल गायकवाड़ की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने सचिव मिलिंद देशमुख के खिलाफ कार्रवाई की। 
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टाटा इंस्टिट्यूट ने खोजा इलाज... दूसरी बार कैंसर होने से रोकेगी टैबलेट

टाटा इंस्टिट्यूट ने खोजा इलाज... दूसरी बार कैंसर होने से रोकेगी टैबलेट टाटा मेमोरियल सेंटर के पूर्व निदेशक डॉ. राजेंद्र बडवे ने बताया कि कैंसर के इलाज को बेहतर बनाने की दिशा में अधिक शोध की जरूरत है। डॉ. मित्रा के शोध से दुनियाभर में कैंसर ट्रीटमेंट को और भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। टाटा मेमोरियल सेंटर के उपनिदेशक सेंटर फॉर कैंसर एपिडीमिलॉजी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि समस्या की जड़ का पता लगाने के साथ-साथ उसका निवारण भी उतना ही जरूरी है।
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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में डिजिटल है नायर अस्पताल

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में डिजिटल है नायर अस्पताल नायर अस्पताल का प्रभावी तरीके से डिजिटलीकरण किया गया है। इसके चलते यहां मरीजों की देखभाल और बढ़ गई है। साथ ही रोगों का सटीकता से पता लगाए जाने के साथ ही इलाज में तेजी और खामियां कम हो रही हैं। जो पूरी तरह से मैनुअल सिस्टम पर काम कर रहे हैं। यह जानकारी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में पाई गई है।
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इंस्टीट्यूट ऑफ क्लाइमेट चेंज ने दी चेतावनी... बढ़ेगी तपिश, बारिश के कम होने के हैं आसार

इंस्टीट्यूट ऑफ क्लाइमेट चेंज ने दी चेतावनी... बढ़ेगी तपिश, बारिश के कम होने के हैं आसार प्रकृति इस वर्ष हिंदुस्थान पर कहर बरपा सकती है। गर्मी और सूखे से देश तबाह हो सकता है। इस तबाही का कारण होगा अल नीनो। इंस्टीट्यूट ऑफ क्लाइमेट चेंज स्टडीज के निदेशक डीएस पई ने यह चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अल नीनो के कारण मानसूनी बारिश की अवधि औसत से ९० प्रतिशत से कम होने की संभावना है। डीएस पई ने एक चर्चा में कहा कि अल नीनो से जुड़े उच्च तापमान का असर एक साल तक महसूस किया जा सकता है।
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