तालिबान बना पाकिस्तान के लिए सिरदर्द... अफगानिस्तान में आतंकवादियों के कारण शांति और स्थिरता हुई प्रभावित
Taliban became a headache for Pakistan… peace and stability in Afghanistan affected due to terrorists
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इस्लामाबाद में शुक्रवार को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की 41वीं बैठक हुई, जिसकी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अध्यक्षता की। इस बैठक के दौरान ये चिंताएं उठाई गईं। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के हवाले से टोलो न्यूज ने कहा, "यह नोट किया गया कि अफगानिस्तान से खतरनाक आतंकवादियों की वापसी और उन्हें विभिन्न आतंकवादी संगठनों के समर्थन के कारण शांति और स्थिरता प्रभावित हुई, जो असंख्य बलिदानों और निरंतर प्रयासों का परिणाम था।"
पाकिस्तान : पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है इसका कारण गैर कानूनी घोषित संगठन तहरीक-ए-तालिबान का खैबर पख्तुनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ते हुए हमले हैं। इस बीच पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी के बारे में चिंता व्यक्त की है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा है कि अफगानिस्तान में बढ़ती हुई आतंकी गतिविधियों से पाकिस्तान में अस्थिरता बढ़ गई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस्लामाबाद में शुक्रवार को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की 41वीं बैठक हुई, जिसकी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अध्यक्षता की। इस बैठक के दौरान ये चिंताएं उठाई गईं। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के हवाले से टोलो न्यूज ने कहा, "यह नोट किया गया कि अफगानिस्तान से खतरनाक आतंकवादियों की वापसी और उन्हें विभिन्न आतंकवादी संगठनों के समर्थन के कारण शांति और स्थिरता प्रभावित हुई, जो असंख्य बलिदानों और निरंतर प्रयासों का परिणाम था।"
वहीं, दूसरी तरफ तालिबान ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के दावे का खंडन किया और कहा कि वे किसी को भी अन्य देशों के खिलाफ अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं देते हैं। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वे किसी को भी अफगान धरती से अन्य देशों के लिए खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं देते हैं। मुजाहिद ने कहा, "हम अफगान और इस्लामिक अमीरात युद्ध से थक चुके हैं और अफगानिस्तान ही नहीं, किसी भी देश में युद्ध के खिलाफ हैं।
हमने किसी को भी अफगान धरती से दूसरे देशों के लिए खतरा पैदा करने की इजाजत नहीं दी।" उधर, विश्लेषकों ने कहा कि पाकिस्तान को तालिबान के साथ चिंता जताकर अपनी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उनका मानना है कि बातचीत से ही चीजें आसान होंगी। एक राजनीतिक विश्लेषक हतिफ मुख्तार ने कहा कि पाकिस्तान को तालिबान के साथ एक समझौते पर पहुंचना चाहिए।
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