नाबालिग की मानसिक सेहत जांचते वक्त साइकलॉजिस्ट जरूरी - हाई कोर्ट
Psychologist essential while examining minor's mental health - High Court
न्यायमूर्ति ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब भी पैनल नाबालिग की मानसिक सेहत का मूल्यांकन करे, तो उसमें एक साइकलॉजिस्ट हो। उसकी मौजूदगी में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट ही किशोर न्याय बोर्ड को भेजी जाए, क्योंकि वह बेहतर ढंग से नाबालिग की शारीरिक व मानसिक स्थिति को समझ सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बच्चे ने जघन्य अपराध किया है, फिर भी उसके खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
मुंबई: नाबालिग आरोपी की मां की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार मानसिक सेहत की रिपोर्ट तैयार करने वाले पैनल में साइकलॉजिस्ट को जरूर रखे। साथ ही, यह सुनिश्चित करे कि हर पुलिस स्टेशन में जुवेनाइल यूनिट हो। याचिका में पॉस्को की विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के मामले के नाबालिग के खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा चलाने का निर्देश दिया गया था। पॉस्को कोर्ट ने बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर आदेश दिया था। याचिका में दावा किया गया था कि नाबालिग को झूठे मामले में फंसाया गया है।
न्यायमूर्ति ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब भी पैनल नाबालिग की मानसिक सेहत का मूल्यांकन करे, तो उसमें एक साइकलॉजिस्ट हो। उसकी मौजूदगी में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट ही किशोर न्याय बोर्ड को भेजी जाए, क्योंकि वह बेहतर ढंग से नाबालिग की शारीरिक व मानसिक स्थिति को समझ सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बच्चे ने जघन्य अपराध किया है, फिर भी उसके खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
किशोर न्याय कानून की धारा-15 के तहत नाबालिग की मानसिक सेहत की रिपोर्ट तैयार करने वाले पैनल में एक साइकलॉजिस्ट का होना जरूरी है, ताकि वह आरोपी बच्चे की मानसिक सेहत को सही नजरिए से समझ सके। उन्होंने कहा कि नाबालिग से जुड़े मामलों को देखने के लिए सभी पुलिस स्टेशनों में विशेष यूनिट भी नहीं है, जो कि नियमों के तहत जरूरी है। सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मौजूदा मामले सभी नियमों का पालन किया गया है। लिहाजा, इस मामले में हस्तक्षेप न किया जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि इस केस में जिस पैनल ने नाबालिग का मूल्यांकन किया था, उसमें साइकलॉजिस्ट उपस्थित था। इस तरह न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़ी याचिका को समाप्त कर दिया।

