मुंबई की इमारतें हुईं कोरोना मुक्त
मुंबई: कोरोना की तीसरी लहर मुंबई में 21 फरवरी से शुरू हुई। उसके बाद कई दिनों तक लगातार 20 से 21 हजार कोरोना मरीज मिले, जिससे सील बिल्डिंगों की संख्या काफी बढ़ गई थी। लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या जब से घटनी शुरू हुई है, तब से लगातार सील इमारतों की संख्या में कमी आई है।
अब मुंबई की इमारतें भी कोरोना मुक्त हो गई हैं। मुंबई के 24 वॉर्डों में सिर्फ 3 बिल्डिंग सील रह गई हैं। यह साफ इशारा कर रही है कि कोरोना की तीसरी लहर से मुंबई उबर चुकी है।
बता दें कि तीसरी लहर के दौरान 93 प्रतिशत मरीज इमारतों से ही मिल रहे थे, जिससे बीएमसी की चिंता बढ़ गई थी। तब अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा था कि दूसरी लहर और तीसरी लहर में सबसे ज्यादा मरीज बिल्डिंगों से ही मिले हैं।
स्लम कोरोना मुक्त रहा, क्योंकि स्लम में रहनेवाले लोगों ने कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन किया। वहीं, बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों ने लापरवाही की।मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या हजार के नीचे आ गई है, जिससे रिकवरी रेट सुधर कर 97 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह ग्रोथ रेट 0.10 प्रतिशत पर आ गया है।
इसमें कोलाबा में सबसे ज्यादा 0.18 प्रतिशत और चेंबूर एरिया में 0.17 प्रतिशत है। कोरोना के डबलिंग रेट में भी सुधार हुआ है। डबलिंग रेट अब 662 दिन तक पहुंच गया है। धारावी, दादर एवं माहिम में सबसे अच्छा 1112 दिन, दहिसर में 1090 दिन और बोरीवली में डबलिंग रेट 1008 दिन हो गया है।
कोरोना के इलाज के लिए 12162 ऑक्सिजन बेड तैयार किए गए हैं। उसमें से 11468 बेड खाली हैं। वहीं, सिर्फ 694 ऑक्सिजन बेड पर मरीज हैं। इसी तरह 3043 आईसीयू बेड में से 2450 बेड पर कोई मरीज नहीं हैं। 593 मरीजों को ही आईसीयू बेड की आवश्यकता है। जहां उनका चल रहा है। क्रिटिकल मरीजों के इलाज के लिए 1506 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। इसमें से 1131 बेड खाली हैं। वहीं 375 वेंटिलेटर पर ही मरीजों का इलाज हो रहा है।
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