मुंबई : नाबालिग लड़की के साथ निकाह करने और यौन उत्पीड़न; आरोपी को जमानत
Marrying and sexually assaulting a minor girl; Accused granted bail
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ निकाह करने और कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी है। वह व्यक्ति एक साल से हिरासत में था और उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत आरोप लगे थे। आरोपी ने तर्क दिया कि यह एक अरेंज मैरिज थी जिसमें रिकॉर्ड में लड़की की उम्र 18 साल दिखाई गई थी।
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ निकाह करने और कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी है। वह व्यक्ति एक साल से हिरासत में था और उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत आरोप लगे थे। आरोपी ने तर्क दिया कि यह एक अरेंज मैरिज थी जिसमें रिकॉर्ड में लड़की की उम्र 18 साल दिखाई गई थी। उसने दावा किया कि उसकी मां का बयान, जिसमें उसे नाबालिग बताया गया था, आरोपों का आधार था। उन्होंने आगे तर्क दिया कि एफआईआर वैवाहिक विवाद के बीच दर्ज की गई थी, तभी पीड़िता ने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत अधिकारियों से संपर्क किया था। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि शादी से 2021 में एक बच्चा पैदा हुआ था।
सरकारी अभियोजक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि निकाह कराने वाले काजी ने लड़की की उम्र की पुष्टि नहीं की, जो शादी के लिए महत्वपूर्ण जानकारी थी। अभियोजन पक्ष ने कहा कि इस चूक के कारण तथ्यों की गलत रिकॉर्डिंग हुई और उपलब्ध साक्ष्यों ने आरोपी के खिलाफ आरोपों की पुष्टि की। न्यायमूर्ति मनीष पिताले ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला आवेदक के पक्ष में बनता है। अदालत ने कहा कि जबकि आवेदक लड़की की उम्र की पुष्टि करने में अधिक मेहनत कर सकता था, ऐसा प्रतीत होता है कि उसने लड़की की कानूनी उम्र के होने का संकेत देने वाले अभ्यावेदन पर भरोसा किया।
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