5 साल तक रेप के आरोपी को तलाशती रही पुलिस... फिर वॉट्सऐप डीपी से यूं गिरफ्तार हुआ शख्स
Police kept searching for the accused of rape for 5 years, then the person was arrested from WhatsApp DP
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पुलिस ने असम में भी आरोपी के परिवार से भी उसकी फोटो ली। आरोपी के संपर्क में कौन-कौन लोग हैं, उसके दोस्त, रिश्तेदार आदि सभी के पुलिस ने इन पांच सालों में मोबाइल नंबर पता किए। इन नंबरों के सीडीआर निकाले गए। सीडीआर के इन्वेस्टिगेशन में एक नंबर शक के घेरे में आया, जिससे कॉल्स किए गए या इस नंबर पर सबसे ज्यादा कॉल्स आए। क्राइम ब्रांच के उपनिरीक्षक रामदास कदम ने इस वॉट्सऐप नंबर का डीपी देखा। उसमें जो फोटो दिखा, वह पुलिस की फाइल में लगे फोटो से मिल रहा था।
मुंबई : 2018 में रेप की एक घटना हुई। विक्रोली में महिला का प्राइवेट बस के अंदर रेप कर दिया गया था। उस केस में वॉन्टेड आरोपी को मैसूर से गिरफ्तार किया गया है। खास बात है कि आरोपी अनुपम दास की शिनाख्त वॉट्सऐप डीपी से हुई और पांच साल बाद वह पकड़ा जा सका। अनुपम दास 5 साल पहले मुंबई की एक प्राइवेट बस का ड्राइवर था। उसने रास्ते में एक महिला को अकेले जाते देखा। उसने बस रोकी। महिला से पूछा कि कहां जाना है?
बाद में उसने महिला को बस में बैठाया और फिर एक सुनसान जगह में बस को रोककर महिला के साथ रेप किया। महिला ने 100 नंबर पर कॉल किया। पुलिस जब तक घटनास्थल पर पहुंचती, आरोपी वहां से भाग गया था। पुलिस ने बस के नंबर से आरटीओ से संपर्क किया। वहां से बस के मालिक का अड्रेस और मोबाइल नंबर मिला। जब बस मालिक से पूछताछ की गई, तो उसने आरोपी का नाम और पूरा अड्रेस पुलिस को बता दिया। यह असम के एक शहर का था। मुंबई पुलिस को बस मालिक से ही आरोपी का फोटो भी मिल गया था। मुंबई पुलिस फिर इस फोटो व अन्य डिटेल लेकर आरोपी के घर पहुंची, पर वह वहां नहीं मिला।
पुलिस ने असम में भी आरोपी के परिवार से भी उसकी फोटो ली। आरोपी के संपर्क में कौन-कौन लोग हैं, उसके दोस्त, रिश्तेदार आदि सभी के पुलिस ने इन पांच सालों में मोबाइल नंबर पता किए। इन नंबरों के सीडीआर निकाले गए। सीडीआर के इन्वेस्टिगेशन में एक नंबर शक के घेरे में आया, जिससे कॉल्स किए गए या इस नंबर पर सबसे ज्यादा कॉल्स आए। क्राइम ब्रांच के उपनिरीक्षक रामदास कदम ने इस वॉट्सऐप नंबर का डीपी देखा। उसमें जो फोटो दिखा, वह पुलिस की फाइल में लगे फोटो से मिल रहा था।
जब यह कन्फर्म हो गया कि यह अनुपम दास ही है, तो क्राइम ब्रांच चीफ लखमी गौतम और डीसीपी कृष्णकांत उपाध्याय से यह जानकारी शेयर की गई। इसके बाद इस वॉट्सऐप नंबर की लोकेशन ट्रेस की गई। यह मैसूर की निकली। क्राइम ब्रांच की यूनिट-7 की टीम फौरन वहां के लिए निकली। कई दिन तक वहां ट्रैप लगाया गया। अंतत: आरोपी क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आया और उसे मुंबई लाया गया। उससे पूछताछ में पता चला कि इन पांच सालों में उसने अपनी शिनाख्त बदल ली थी और वह अलग-अलग नाम से अलग-अलग काम कर रहा था।
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