वसई-विरार में जून तक खत्म होगी पानी की समस्या... सूर्या नदी से बिछी पाइप लाइन
Water problem will end in Vasai-Virar by June... Pipeline laid from Surya river

एमएमआरडीए सूर्या नदी का पानी लाने की योजना पर भी काम कर रही है। इसके लिए करीब 88 किमी. लंबी पाइप लाइन बिछाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। सूर्या जलापूर्ति योजना तहत के तहत रोजाना 403 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसमें से 218 एमएलडी पानी मीरा-भाईंदर और 185 एमएलडी पानी वसई-विरार को मिलेगा। वसई-विरार परिसर में पानी की आपूर्ति करने लिए सभी जरूरी इंतजाम भी पूरे कर लिए गए हैं।
मुंबई: वसई-विरार और मीरा-भाईंदर की पानी की समस्या को खत्म करने के लिए पालघर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने का काम तकरीबन पूरा कर लिया गया है। नागरिकों को शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के लिए इस प्लांट में जल शुद्धिकरण प्रक्रिया के तहत जांच का काम शुरू कर दिया गया है। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) कमिश्नर एस.वी.आर श्रीनिवास के अनुसार, प्लांट का काम हायर एडवांस स्टेज पर पहुंच गया है। एक से डेढ़ महीने में परियोजना के पहले चरण के तहत वसई-विरार परिसर में पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
एमएमआरडीए सूर्या नदी का पानी लाने की योजना पर भी काम कर रही है। इसके लिए करीब 88 किमी. लंबी पाइप लाइन बिछाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। सूर्या जलापूर्ति योजना तहत के तहत रोजाना 403 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसमें से 218 एमएलडी पानी मीरा-भाईंदर और 185 एमएलडी पानी वसई-विरार को मिलेगा। वसई-विरार परिसर में पानी की आपूर्ति करने लिए सभी जरूरी इंतजाम भी पूरे कर लिए गए हैं।
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की जांच का काम पूरा होते ही पहले चरण के तहत जून से वसई और विरार में जलापूर्ति शुरू हो जाएगी। एमएमआरडीए के मुताबिक, इस परियोजना का काम 90 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है। पहले फेज में पानी की सप्लाई शुरू होने के दो महीने के भीतर मीरा- भाईंदर में भी पानी की सप्लाई शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सूर्या नदी से पानी लाने के लिए राष्ट्रीय महामार्ग-8 के समीप से 88 किमी. लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है। पाइप लाइन जमीन के नीचे और ऊपर से होकर गुजरेगी। उपनगर तक पानी लाने के लिए मेंढवखिंड में 1.7 किमी. की अंडर ग्राउंड टनल भी तैयार की गई है। विघ्नहर्ता टनल बोरिंग मशीन की मदद से 2.85 डायमीटर वाली इस टर्नल को तैयार किया गया है। इस परियोजना का जिम्मा लॉर्सन ऐंड टुब्रो कंपनी को सौंपा गया है। इस परियोजना पर 1 हजार 329 करोड रुपये खर्च होंगे।
मुंबई में जगह की कमी और आसमान छूती प्रॉपर्टी की कीमतों की वजह से मीरा-भाईंदर और वसई-विरार में तेजी से डिवेलपमेंट हुआ है। इस परिसर में बड़ी संख्या में इमारतों का निर्माण हुआ है। जिस रफ्तार से परिसर की आबादी बढ़ी है, उस तेजी से परिसर में पानी की आपूर्ति करने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस कारण पिछले कुछ साल से पालघर जिले के वसई-विरार और मीरा-भाईंदर में पानी की कमी की गंभीर समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है। कई इलाकों में टैंकर से पानी की सप्लाई होती है।
Today's E Newspaper
Related Posts
Post Comment
Latest News
.jpg)
Comment List