सिर्फ १८,५४० यानी २८.३ फीसदी स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा
Only 18,540 i.e. 28.3 percent schools have internet facility.
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कुल २४,०३७ निजी सहायता प्राप्त विद्यालयों में से २३,७७९ विद्यालयों में बिजली है, वहीं सभी प्रबंधन के १ लाख ९ हजार ६०५ स्कूलों में से १ लाख ४ हजार ९४ स्कूलों में बिजली है। स्कूल शिक्षा विभाग ने १ दिसंबर से राज्य के सभी विद्यार्थियों की ऑनलाइन चैटबॉट अटेंडेंस बनाने की योजना बनाई है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि स्कूलों में बिजली ही नहीं होगी तो चैटबॉट अटेंडेंस कैसे लगेगी?
मुंबई : राज्य में अगले शैक्षणिक वर्ष से स्कूल स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तैयारी चल रही है, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी अभी भी कई स्कूलों तक नहीं पहुंची है। यह चौंकाने वाली जानकारी केंद्रीय शिक्षा विभाग की युडायस प्लस २०२१-२२ की रिपोर्ट में सामने आई है। राज्य के आधे से ज्यादा स्कूल ऑफलाइन हैं। राज्य के कुल ६५,६३९ सरकारी स्कूलों में से सिर्फ १८,५४० यानी २८.३ फीसदी स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा है। इस खुलासे से डिजिटल इंडिया की हवा निकल गई है।
राज्य के हजारों स्कूलों में बिजली ही नहीं तो इंटरनेट कहां से लाएं, ऐसा बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। ६५,६३९ सरकारी स्कूलों में से ५०,४६८ में अस्थायी बिजली आपूर्ति है, वहीं ५,१०४ स्कूलों में बिजली नहीं पहुंची है। निजी सहायता प्राप्त स्कूलों की स्थिति अच्छी है। कुल २४,०३७ निजी सहायता प्राप्त विद्यालयों में से २३,७७९ विद्यालयों में बिजली है, वहीं सभी प्रबंधन के १ लाख ९ हजार ६०५ स्कूलों में से १ लाख ४ हजार ९४ स्कूलों में बिजली है। स्कूल शिक्षा विभाग ने १ दिसंबर से राज्य के सभी विद्यार्थियों की ऑनलाइन चैटबॉट अटेंडेंस बनाने की योजना बनाई है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि स्कूलों में बिजली ही नहीं होगी तो चैटबॉट अटेंडेंस कैसे लगेगी?
निजी सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों की स्वास्थ्य जांच दर ७१.२ प्रतिशत है। २०२०-२१ में ४६ हजार ७२२ सरकारी स्कूलों में स्वास्थ्य निरीक्षण किया गया। राज्य के सभी प्रबंधन स्कूलों में यह अनुपात ६६.४ प्रतिशत है, जबकि सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में यह अनुपात क्रमश: ६८.९ और ४८.३ फीसदी है।
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