20 वर्षीय एक आईटी प्रफेशनल युवती ने न ओटीपी, न लिंक पर किया क्लिक, फिर भी 3 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड !
A 20 year old IT professional girl neither gave OTP nor clicked on the link, yet got cyber fraud of Rs 3 lakh!
फ्रॉड की शिकार 20 वर्षीय एक आईटी प्रफेशनल युवती हुई है। उसके साथ करीब 3 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड हुआ है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दिसंबर में उसे टेलिग्राम ऐप पर एक साथ कई संदेश मिले थे।
पवई : साइबर सेल के पास फ्रॉड की एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे पढ़कर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, फ्रॉड की शिकार 20 वर्षीय एक आईटी प्रफेशनल युवती हुई है। उसके साथ करीब 3 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड हुआ है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दिसंबर में उसे टेलिग्राम ऐप पर एक साथ कई संदेश मिले थे।
पहले तो उसने उन संदेशों को स्पैम समझकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन एक संदेश में उसकी ईमेल आईडी भी मेंशन थी। जब उसने संदेश को ध्यान से पढ़ा, तो उसमें लिखा था कि अगर वह अपना फंड वापस चाहती है, तो उसे 5 लाख रुपये देने होंगे। कथित फंड निकासी वाला संदेश पढ़ते ही तुरंत अपने दोनों बैंकों के स्टेटमेंट जांचे।
पीड़िता का दावा है कि एक बैंक खाते से करीब 2 लाख और दूसरे बैंक खाते से 1.6 लाख की राशि स्थानांतरित होने की जानकारी मिली। दोनों बैंकों के स्टेटमेंट की जांच करने पर पता चला कि यूपीआई के माध्यम से किसी ने उसके दोनों बैंक खातों से एक हजार, दो हजार और पांच हजार रुपये के अलावा 20 हजार और 40 हजार रुपये आईएमपीएस के माध्यम से निकाले हैं।
पीड़िता का कहना है कि उसने न तो किसी के साथ कोई पासवर्ड या क्रेडेंशियल साझा किया और न ही किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ही किया है। उसने बैंककर्मियों की साइबर क्रिमिनल्स से मिलीभगत होने और ग्राहकों का डाटा लिंक करने का आरोप लगाया। उसके बैंक से कोई कैसे बिना ओटीपी या निजी जानकारी प्राप्त किए रकम निकाल सकता है।
इसका मतलब यह है कि किसी ने उसके बैंक खाते तक अपनी पहुंच प्राप्त कर ली या बैंक का पासवर्ड हासिल कर लिया या फिर उसे हैक कर लिया है। पीड़िता के बयान के आधार पर एमआईडीसी पुलिस ने साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कर उसे पवई पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है। साइबर सेल की मदद से मामले की जांच हो रही है।

