राम मंदिर के उद्घाटन के दिन आएगा सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना का फैसला
Decision of the candidate in Supreme Court on the day of inauguration of Ram Temple
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने हाल ही में 10 जनवरी को शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले पर फैसला सुनाया. राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रतोद भरत गोगावले की नियुक्ति को सही ठहराया। उन्होंने दोनों गुटों के विधायकों को भी योग्य बनाया. इसके अलावा एकनाथ शिंदे की शिव सेना को मुख्य शिव सेना के रूप में मान्यता मिली. विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ ठाकरे समूह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
मुंबई। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने हाल ही में 10 जनवरी को शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले पर फैसला सुनाया. राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रतोद भरत गोगावले की नियुक्ति को सही ठहराया। उन्होंने दोनों गुटों के विधायकों को भी योग्य बनाया. इसके अलावा एकनाथ शिंदे की शिव सेना को मुख्य शिव सेना के रूप में मान्यता मिली. विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ ठाकरे समूह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. एकनाथ शिंदे के खिलाफ सुनील प्रभु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जनवरी को सुनवाई करेगा. यह मामला शिवसेना विधायक की अयोग्यता से जुड़ा है. इसलिए इस सुनवाई का महत्व और बढ़ गया है.
22 जनवरी (सोमवार) को अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। इस मौके पर महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सरकारी छुट्टी घोषित की गई है. केंद्र सरकार की ओर से आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया है. खास बात यह है कि सुनवाई सोमवार को होगी क्योंकि कोर्ट ने छुट्टी की घोषणा नहीं की है. जानकारी सामने आई है कि शिवसेना विधायक अयोग्यता मामला 20वें नंबर पर है.
शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने नतीजे की घोषणा कर दी है. अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा घोषित नतीजे पर ठाकरे गुट ने आपत्ति जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के नेता भरत गोगावले की नियुक्ति को अवैध करार दिया. दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट ने कहा था कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो कोर्ट के आदेश से उनके नेतृत्व में सरकार बहाल हो सकती थी. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतोद के रूप में भरत गोगवले की नियुक्ति को वैध ठहराया है. इसके लिए उन्होंने कानूनी दलीलें भी पेश की हैं. अब यह देखना अहम होगा कि कोर्ट में उनके पक्ष में क्या दलील दी जाती है और सुप्रीम कोर्ट क्या टिप्पणी करता है.
दिलचस्प बात यह है कि एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले में एक बड़ा और अहम अपडेट भी सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले पर 31 जनवरी तक सुनवाई कर नतीजे घोषित करने का आदेश दिया है. इस बीच 30 जनवरी को एनसीपी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. विधानसभा अध्यक्ष जयंत पाटिल के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होगी. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने नये कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं.
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