नागपुर की फुटाला लेक से जुड़े निर्माण कार्यों पर रोक; मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर अंकुश
Ban on construction works related to Futala Lake of Nagpur; Control on Metro Rail Corporation

सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर की फुटाला लेक से जुड़े निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का फैसला लिया है। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर भी रोक लगाई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने यह आदेश पारित किया।
नागपुर, सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर की फुटाला लेक से जुड़े निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का फैसला लिया है। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर भी रोक लगाई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने यह आदेश पारित किया।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ में गुरुवार को वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने पैरवी की। अदालत को बताया गया कि फुटाला लेक की अहमियत को देखते हुए झील का संरक्षण जरूरी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस जल निकाय को बचाने के लिए निर्माण रोकने के लिए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जरूरी है। अदालत में बताया गया कि फुटाला लेक पर कंक्रीट की कई संरचनाओं का निर्माण हो चुका है।
दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने स्वीकार किया कि मामला संवेदनशील है। कोर्ट ने कहा कि आर्द्र भूभाग काफी कम मात्रा में बची हैं। ऐसे में अधिकारियों को फिलहाल निर्माण कार्य जारी रखने से परहेज करना चाहिए। अदालत ने सवाल किया कि झील के अस्तित्व पर संकट बन चुकी कंक्रीट संरचनाओं को कब हटाया जाएगा? बता दें कि झील घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए दर्शक दीर्घा का निर्माण भी कराया गया है। अदालत ने इसे हटाने को लेकर भी तीखा सवाल किया।
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