शरद पवार ने कहा BJP वाशिंग मशीन की तरह... भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोग वहां जाकर मिटा सकते हैं अपने दाग
Sharad Pawar said BJP is like a washing machine...people facing corruption charges can go there and erase their stains.
शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर अजित पवार पिछले साल जुलाई में कई अन्य नेताओं के साथ एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. इससे 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी दो धड़ों में बंट गई. निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम राकांपा और उसका चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ जारी कर दिया. पवार ने आगे कहा, ‘हमने राकांपा का गठन किया और हम महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू की विचारधाराओं के प्रति दृढ़ रहे. आज, सत्ता में रहने वाले लोग महात्मा गांधी की बहुत प्रशंसा करते हैं, लेकिन नेहरू को बदनाम करते हैं.’
मुंबई : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने BJP पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह एक ‘वॉशिंग मशीन’ बन गई है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोग ‘अपने दाग मिटाने’ के लिए शामिल हो सकते हैं.
उन्होंने झारखंड में हेमंत सोरेन और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल समेत गैर-BJP शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाने के लिए केंद्र की आलोचना की. पवार ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा.
पुणे जिले के लोनावाला में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए अविभाजित NCP की आलोचना करते थे. संसद में सभी को एक पुस्तिका दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि जब BJP सत्ता में नहीं थी तो क्या-क्या गड़बड़ियां हुईं.
उन्होंने कहा, ‘उस पुस्तिका में आदर्श घोटाले और उसमें अशोक चव्हाण की कथित संलिप्तता का उल्लेख किया गया है. लेकिन उसके सातवें दिन, चव्हाण भाजपा में शामिल हो गए और उसके राज्यसभा सदस्य बन गए… एक तरफ आप आरोप लगाते हैं, दूसरी तरफ आप उसी व्यक्ति को पार्टी में शामिल कर लेते हैं.’ इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रांकापा में ‘भ्रष्ट’ लोगों की चर्चा की थी.
पवार ने डिप्टी सीएम अजित पवार का नाम लिए बिना कहा, ‘उन्होंने महाराष्ट्र में 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले का जिक्र किया. उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में गड़बड़ियों का जिक्र किया. मैंने तब कहा था कि NCP का कोई भी व्यक्ति बैंक में किसी भी अनियमितता में शामिल नहीं है और उन्हें उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश को नियुक्त करके जांच कराने की चुनौती दी थी.
देखिए वो व्यक्ति आज कहां हैं जिन पर इस घोटाले में आरोप लगे थे.’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह दर्शाता है कि BJP एक वॉशिंग मशीन बन गई है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोग भी शामिल हो सकते हैं और अपने दाग मिटा सकते हैं.
शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर अजित पवार पिछले साल जुलाई में कई अन्य नेताओं के साथ एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. इससे 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी दो धड़ों में बंट गई. निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम राकांपा और उसका चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ जारी कर दिया. पवार ने आगे कहा, ‘हमने राकांपा का गठन किया और हम महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू की विचारधाराओं के प्रति दृढ़ रहे. आज, सत्ता में रहने वाले लोग महात्मा गांधी की बहुत प्रशंसा करते हैं, लेकिन नेहरू को बदनाम करते हैं.’
उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की आजादी के लिए लड़ने और बलिदान देने वालों ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व को स्वीकार किया, उसी तरह उन्होंने नेहरू के नेतृत्व तथा उनके योगदान को भी स्वीकार किया. पवार ने कहा, ‘हालांकि, प्रधानमंत्री आज सबसे ज्यादा नेहरू और उनकी विचारधारा की आलोचना करते हैं. अगर आप अखबार देखेंगे तो आपको ‘मोदी की गारंटी’ पर पूरे पेज के विज्ञापन दिख जाएंगे. अगर कोई इस पर विचार करे कि इन विज्ञापनों को प्रकाशित करने के लिए किसका पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है, तो जवाब है कि यह लोगों का पैसा है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन पिछले एक दशक में किसानों की आत्महत्या की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 25 वर्षों तक सांसद, पांच वर्ष तक केंद्रीय मंत्री और 10 वर्ष से राज्य की मुख्यमंत्री रहने वाली ममता बनर्जी की आलोचना की. आज लोग बार-बार उन्हें वोट और राज्य की बागडोर देते हैं. प्रधानमंत्री को उन पर गर्व होना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वह उनकी आलोचना करते हैं. यह संसदीय लोकतंत्र के ढांचे में फिट नहीं बैठता.’
Comment List