नागपुर कारखाना विस्फोट में घायल उपचार के दौरान 22 वर्षीय महिला श्रमिक की मौत... मरने वालों की संख्या हुई 8
22-year-old female worker injured in Nagpur factory explosion dies during treatment... death toll rises to 8

डांडे अस्पताल के निदेशक डॉ. पिनाक डांडे ने बताया कि नागपुर शहर में उपचार करा रही 22 वर्षीय श्रद्धा वनराज पाटिल की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एक अन्य घायल श्रमिक प्रमोद चावरे का उपचार चल रहा है। इसके साथ ही गुरुवार को हुए विस्फोट में छह महिलाओं और दो पुरुषों समेत आठ श्रमिकों की मौत हो गई है।
नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर जिले में बीते गुरुवार को विस्फोटक बनाने के कारखाने में हुए धमाके में एक और महिला श्रमिक की शनिवार की निजी अस्पताल में मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि इस दर्दनाक हादसे में अब मरने वालों की संख्या आठ पहुंच गई है।
डांडे अस्पताल के निदेशक डॉ. पिनाक डांडे ने बताया कि नागपुर शहर में उपचार करा रही 22 वर्षीय श्रद्धा वनराज पाटिल की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एक अन्य घायल श्रमिक प्रमोद चावरे का उपचार चल रहा है। इसके साथ ही गुरुवार को हुए विस्फोट में छह महिलाओं और दो पुरुषों समेत आठ श्रमिकों की मौत हो गई है।
विस्फोट गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे नागपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर नागपुर-अमरावती हाईवे से सटे धामना लिंगा गांव के समीप नेरी मानकर क्षेत्र में बारूद बनाने वाली कंपनी चामुंडी एक्सप्लोसिव के पैकेजिंग यूनिट में हुआ। ब्लास्ट की तीव्रता इतनी भयानक थी कि मरने वालों के शरीर के चिथड़े उड़ गए थे।
धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि गांव के लोगों के घरों के दरवाजे और खिड़कियां तक हिल गये थे। हादसे के बाद नौ घायलों को शहर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पुलिस के अनुसार विस्फोट के समय अधिकतर पीड़ित कारखाने की पैकेजिंग इकाई में कार्य कर रहे थे।
इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को कारखाने के निदेशक जय शिवशंकर खेमका (49) और प्रबंधक सागर देशमुख को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को हिंगना के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हे जमानत दे दी।
पुलिस ने बताया कि निदेशक और प्रबंधक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 286 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 304(ए)(किसी भी लापरवाहीपूर्ण कार्य के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनना) और 338 (किसी भी लापरवाहीपूर्ण कार्य के कारण गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया है।
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