सोलापुर में भूकंप के झटके; भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 रही
Earthquake jolts Solapur; intensity of the earthquake was 2.6 on Richter scale
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महाराष्ट्र के सोलापुर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी है कि 3 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर सोलापुर में धरती हिली थी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 रही. यानी, गनीमत रही कि ये झटके हल्के थे. भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था. इससे पहले भारत के पूर्वी हिस्सों कोलकाता और इंफाल में भूकंप महसूस किया गया था. वहीं, 28 मार्च को नेपाल में आए भूकंप के झटके भारत के बिहार, सिलीगुड़ी और आसपास के अन्य इलाकों में महसूस किए गए थे. 2 अप्रैल को सिक्किम के नामची में और इससे पहले एक अप्रैल को लेह लद्दाख में भूकंप के झटके पता चले थे.
सोलापुर : महाराष्ट्र के सोलापुर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी है कि 3 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर सोलापुर में धरती हिली थी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 रही. यानी, गनीमत रही कि ये झटके हल्के थे. भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था. इससे पहले भारत के पूर्वी हिस्सों कोलकाता और इंफाल में भूकंप महसूस किया गया था. वहीं, 28 मार्च को नेपाल में आए भूकंप के झटके भारत के बिहार, सिलीगुड़ी और आसपास के अन्य इलाकों में महसूस किए गए थे. 2 अप्रैल को सिक्किम के नामची में और इससे पहले एक अप्रैल को लेह लद्दाख में भूकंप के झटके पता चले थे. 31 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के तवांग और शि योमी, सिक्कम के गंगटोक में भी धरती हिली थी. गंगटोक में लगातार दो दिन यानी 30 और 31 मार्च को अर्थक्वेक आया था.
हरियाणा में भी आया था हल्का भूकंप
29 मार्च को हरियाणा के सोनीपत में भूकंप का झटका पता चला था. 29 मार्च की दोपहर 2 बजकर 08 मिनट पर 2.3 की तीव्रात से धरती हिली थी. भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर नीचे था.
अरुणाचल प्रदेश में कब आया था भूकंप?
बीते सोमवार एक अप्रैल की दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर अरुणाचल प्रदेश में लोगों ने भूकंप महसूस किया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई थी. गनीमत रही कि भूकंप से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. हालांकि, म्यांमार में आई तबाही की वजह से भारत में भी लोगों के अंदर बड़े भूकंप का डर है.
देश में कहां-कहां हैं भूकंप के केंद्र?
भू वैज्ञानिकों के मुताबिक, भारत के करीब 59 फीसदी हिस्सों को भूकंप के लिए संवेदनशील माना जाता है. भारत में भूकंप क्षेत्र को चार भागों में बांटा गया है. इन्हें जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 नाम दिया गया है. जोन-5 सबसे ज्यादा सेंसिटिव एरिया है. राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है, जो कि एक चिंताजनक जोन है. यानी यहां 7 रिक्टर स्केल से ऊपर के झटके भी आ सकते हैं. अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 है, तो तबाही निश्चित मानी जाती है.
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