अमित शाह के 'ऑर्डर' पर बहन के खिलाफ पत्नी को चुनाव में उतारा था - अजित पवार

Ajit Pawar said that his wife was fielded against his sister on Amit Shah's 'order'

अमित शाह के 'ऑर्डर' पर बहन के खिलाफ पत्नी को चुनाव में उतारा था - अजित पवार

इसी बीच एनसीपी नेता अजित पवार बीते लोकसभा चुनाव को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. अजित पवार ने कहा कि बारामती से बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतारने का उनका फैसला गलता था. इस बीच उन्होंने उस कयास पर भी विराम लगा दिया जिसमें कहा गया था कि बारामती सीट से सुनेत्रा पवार को चुनाव में उतारने का 'ऑर्डर' केंद्रीय मंत्री अमित शाह की ओर से दिया गया था.

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. राज्य में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक दल पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी) का मुकाबला महायुति (बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) से हो रहा है.

इसी बीच एनसीपी नेता अजित पवार बीते लोकसभा चुनाव को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. अजित पवार ने कहा कि बारामती से बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतारने का उनका फैसला गलता था. इस बीच उन्होंने उस कयास पर भी विराम लगा दिया जिसमें कहा गया था कि बारामती सीट से सुनेत्रा पवार को चुनाव में उतारने का 'ऑर्डर' केंद्रीय मंत्री अमित शाह की ओर से दिया गया था.

अजित पवार ने कहा, "मुझे किसी ने नहीं कहा था. मैं किसी की नहीं सुनता हूं. मैं अपने मन की करता हूं. मुझे अमित शाह ने भी कुछ नहीं कहा था. नतीजे आने के कुछ रोज बाद मेरे मन में आया कि मैंने गलती कर दी थी. लेकिन जो काम करता है वह ही गलती करता है."

पिछले साल 2 जुलाई को महाराष्ट्र में एक नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के तहत अजित पवार सहित एनसीपी के नौ विधायक बीजेपी-शिव सेना (शिंदे) गुट की सरकार में शामिल हुए थे. शरद पवार के खिलाफ जाकर पार्टी तोड़ने के आरोपों को लेकर अजित पवार बोले, "मैंने बगावत वगैरह कुछ नहीं की. मैंने तब कई बार बताया था, जब उद्धव ठाकरे की सरकार जाने वाली थी. उस वक्त ही मुझे पता चल गया था.

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मेरे चैंबर में एनसीपी के विधायक थे और सबने मिलकर एक लेटर तैयार किया. वो लेटर हमने पवार साहब के पास भेजा. सभी विधायक के साइन उसमें है. इस लेटर में शरद पवार की ओर के विधायक के भी साइन हैं और मेरे साथ के विधायक के भी साइन हैं. हमें शरद पवार की ओर से कहा गया कि हमें सोचने दो. उन्होंने कहा कि वह बाद में इसपर बात करेंगे लेकिन बाद में इस दिशा में ऐसा कुछ नहीं हुआ. हमें भी उनसे (शरद पवार) पूछने का अधिकार नहीं है."

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