डिप्टी CM शिंदे ने किया ऐलान, महाराष्ट्र में मिल श्रमिकों के लिए बनेंगे 1 लाख घर...
Deputy CM Shinde announced, 1 lakh houses will be built for mill workers in Maharashtra...
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों से पर्यावरण अनुकूल आवास, वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास नीति, किफायती किराये के आवास और सबसे महत्वपूर्ण गरीब श्रमिकों को एक लाख आवास उपलब्ध कराने की योजना पर चर्चा की। बैठक में मिल श्रमिकों के लिए एक लाख घर बनाने का लक्ष्य तय किया गया।
मुंबई: महाराष्ट्र में नई महायुति की सरकार के गठन के बाद मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग का काम करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई इसमें कई अहम फैसले लिए गए। इधर उपमुख्यमंत्री एवं गृहनिर्माण विभाग का पदभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहली ही बैठक में धमाकेदार काम शुरू कर दिया है। पहली बैठक में उन्होंने गृहनिर्माण विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों से पर्यावरण अनुकूल आवास, वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास नीति, किफायती किराये के आवास और सबसे महत्वपूर्ण गरीब श्रमिकों को एक लाख आवास उपलब्ध कराने की योजना पर चर्चा की। बैठक में मिल श्रमिकों के लिए एक लाख घर बनाने का लक्ष्य तय किया गया।
गृहनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के समक्ष आवास नीति के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान किफायती पर्यावरण-अनुकूल आवास नीति को बढ़ावा देने, नीति में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास को शामिल करने, किफायती किराये के आवास योजना शुरू करने और मिल श्रमिकों के लिए 1 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित करने जैसे मुद्दों पर डीसीएम शिंदे ने अधिकारियों से चर्चा की और उन्हें उस दिशा में काम करने का निर्देश दिया।
इन सभी बिंदुओं पर अगले महीने एक विस्तृत नीति तैयार की जाएगी और महाराष्ट्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास नीति लागू करने वाला पहला राज्य होगा। मंत्री शिंदे ने कहा कि श्रमिकों के लिए एक लाख घर बनाने के लिए दो निविदाएं प्राप्त हुईं हैं। जिन पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने महाराष्ट्र के अपने पैतृक गांवों में चले गए मिल श्रमिकों को वहीं घर दिए जाने की संभावनाओं की भी जांच करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 के बाद आवास नीति नहीं बनी, अब बन रही है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों और मिल श्रमिकों को बड़ी राहत देने की कोशिश की गई है।
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