नई दिल्ली : सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव; फायदा भारत को मिल सकता है - जॉन नेफर
New Delhi: Changes in the global supply chain of semiconductors; India may benefit - John Neffer

अमेरिका की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) के अध्यक्ष और सीईओ जॉन नेफर ने सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर बदलाव की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव आ रहा है और इसका सबसे बड़ा फायदा भारत को मिल सकता है। जॉन नेफर नई दिल्ली में आयोजित कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में बोल रहे थे, जिस दौरान उन्होंने इन बातों पर प्रकाश डाला। बचा दें कि एसआईए दुनिया की बड़ी कंपनियों जैसे एएमडी, एनवीडिया और TSMC का प्रतिनिधित्व करता है।
नई दिल्ली : अमेरिका की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) के अध्यक्ष और सीईओ जॉन नेफर ने सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर बदलाव की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव आ रहा है और इसका सबसे बड़ा फायदा भारत को मिल सकता है। जॉन नेफर नई दिल्ली में आयोजित कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में बोल रहे थे, जिस दौरान उन्होंने इन बातों पर प्रकाश डाला। बचा दें कि एसआईए दुनिया की बड़ी कंपनियों जैसे एएमडी, एनवीडिया और TSMC का प्रतिनिधित्व करता है।
सप्लाई चेन को मजबूत बनाने पर जोर
नेफर ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद दुनिया ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति में कई कमजोरियां देखीं, इसलिए अब ज़रूरी है कि सप्लाई चेन को और विविध और मजबूत बनाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत के पास खासकर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) के क्षेत्र में बेहतरीन क्षमता है, जो सेमीकंडक्टर बनाने की प्रक्रिया में एक अहम हिस्सा होता है।
सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में भारत की तेजी
भारत ने हाल ही में सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। टाटा, अडानी और एलएंडटी जैसे बड़े भारतीय समूह इस सेक्टर में निवेश कर रहे हैं। वैश्विक निवेश बैंक जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सरकार की मददगार नीतियों, सस्ती उत्पादन लागत और पश्चिमी देशों से मजबूत संबंधों की वजह से भारत एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बन सकता है। अभी दुनिया में सेमीकंडक्टर की मांग बहुत तेज़ी से बढ़ रही है और अगर भारत इस मौके का सही फायदा उठाए, तो वह इस अहम टेक्नोलॉजी सेक्टर में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बन सकता है।
यूएस इंडिया ट्रस्ट पहल की शुरुआत
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका मिलकर सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), क्वांटम टेक्नोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग बढ़ा रहे हैं। इसके लिए इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर 'यूएस इंडिया ट्रस्ट' नाम की एक नई पहल शुरू की गई थी। इस ट्रस्ट का उद्देश्य तकनीक के जरिये दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करना।
Today's E Newspaper
Video
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List