नई दिल्ली : हिंदुत्व की काट में मंडल की धार तेज करने की कोशिश में है कांग्रेस?
New Delhi: Is Congress trying to sharpen the Mandal issue to counter Hindutva?

राहुल गांधी को आज यानी मंगलवार को तीन बजे दोपहर में अहमदाबाद में होना था. लेकिन तेजस्वी के पहुंचने की बात को जानकर राहुल रुक गए और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पहुंच गए. तेजस्वी से मिलने को लेकर राहुल और खरगे इंतजार में थे लेकिन तेजस्वी जिस मंशा से आए थे वो पूरी नहीं हो पाई.
नई दिल्ली : राहुल गांधी को आज यानी मंगलवार को तीन बजे दोपहर में अहमदाबाद में होना था. लेकिन तेजस्वी के पहुंचने की बात को जानकर राहुल रुक गए और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पहुंच गए. तेजस्वी से मिलने को लेकर राहुल और खरगे इंतजार में थे लेकिन तेजस्वी जिस मंशा से आए थे वो पूरी नहीं हो पाई. आरजेडी-और कांग्रेस के बड़े नेता मीडिया में सच बोलने से बच रहे हैं लेकिन कांग्रेस आरजेडी के साथ अब अपने इंट्रेस्ट को तिलांजलि देकर राजनीति करने के मूड में नहीं है ये आज की मीटिंग से तय हो गया है.
राहुल गांधी आक्रामक राजनीति करना चाह रहे हैं. वो तेलंगाना के बाद कर्नाटक में भी ओबीसी पॉलिटिक्स की धार मजबूत करने का दबाव बना रहे हैं. इसलिए आने वाले समय में लिंगायत और वोक्कालिगा की राजनीति को साइड रख वो ओबीसी राजनीति की धार तेज करने पर आमादा है. ज़ाहिर है डी के शिवकुमार के लिए ये अच्छी खबर नहीं है. सिद्धारमैया सीएम की कुर्सी पर डटे रह सकते हैं और ऐसी ही राजनीति कर राहुल बिहार, यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जड़े मजबूत करना चाह रहे हैं.
यही वजह है कि राहुल गांधी ने अहमदाबाद की मीटिंग में कांग्रेस से ओबीसी मतदाताओं को जोड़ने पर जोर दिया . राहुल ने कहा कि सत्ता की चौखट तक पहुंचने के लिए ओबीसी राजनीति पर जोर देना ही कांग्रेस के पास एकमात्र विकल्प रह गया है. जाहिर है यही वजह है कि राहुल बिहार पहुंचकर तेजस्वी और लालू से मिले लेकिन तेजस्वी के जातीय जनगणना के फॉर्मूले को फर्जी बता दिया.
मीटिंग में कांग्रेस ने साफ संदेश देने की कोशिश की
कांग्रेस की एआईसीसी की मीटिंग में पप्पू यादव अगली पंक्ति में बैठे थे. पप्पू यादव को तवज्जो देकर कांग्रेस ओबीसी चेहरे को आगे करने का पैगाम बिहार के लोगों को दे रही थी. बिहार में पूरी टीम बदल गई है. कांग्रेस कन्हैया और पप्पू को आगे कर मजबूत दिखना चाह रही है. राहुल ये चाहते हैं कि कन्हैया और पप्पू यादव को लेकर आरजेडी चलने को तैयार रहे. कांग्रेस अपनी शर्तों पर राजनीति करना चाह रही है. इसलिए प्रदेश अध्यक्ष दलित को बनाकर कांग्रेस एक के बाद दूसरा पासा फेंक रही है.
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