सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र की पहली भावी महिला सीएम बताया गया... पार्टी दफ्तर के बाहर होर्डिंग

Supriya Sule touted as the first future woman CM of Maharashtra...Hoarding outside party office

सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र की पहली भावी महिला सीएम बताया गया... पार्टी दफ्तर के बाहर होर्डिंग

मुंबई में बलार्ड पीयर स्थित एनसीपी का प्रदेश कार्यालय है। इन दिनों इस कार्यालय के बाहर एनसीपी नेताओं को भावी मुख्यमंत्री घोषित करने वाली होर्डिंग लगाओ स्पर्धा चल रही है। इससे पता चल रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में तीन गुटों के बीच रस्साकशी चल रही है। एक गुट शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का है।

मुंबई: शरद पवार के नेतृत्व में एकजुट दिखने वाली एनसीपी के भीतर ही भीतर गुटबाजी कितनी तेजी से पनप रही है, इसका अकेला गवाह मुंबई में बलार्ड पीयर स्थित एनसीपी का प्रदेश कार्यालय है। इन दिनों इस कार्यालय के बाहर एनसीपी नेताओं को भावी मुख्यमंत्री घोषित करने वाली होर्डिंग लगाओ स्पर्धा चल रही है। इससे पता चल रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में तीन गुटों के बीच रस्साकशी चल रही है। एक गुट शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का है। एक गुट शरद पवार के भतीजे अजित पवार का है और एक गुट एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील का है। तीनों गुटों के समर्थक अपने-अपने गुट के नेताओं को भावी मुख्यमंत्री प्रॉजेक्ट करने की स्पर्धा में लगे हैं।

जयंत पाटील और अजित पवार के बाद गुरुवार को सुप्रिया सुले के समर्थकों ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रॉजेक्ट करने वाला होर्डिंग लगाया। इस बैनर पर सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र की पहली भावी महिला मुख्यमंत्री बनाया गया है। खास बात यह है कि कुछ कार्यकर्ताओं ने मुंबई में एनसीपी कार्यालय के बाहर यह पोस्टर लगाया था। हालांकि, अब खबर है कि पुलिस ने फौरन इस पोस्टर को हटा दिया। दो दिन पहले मुंबई में एनसीपी के दफ्तर के बाहर अजित पवार का बैनर लगा था। जिसमें 'महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री... एक ही दादा एक ही वादा, अजित दादा... लिखा गया था। उससे पहले जयंत पाटील के जन्मदिन के बैनर ने भी उन्हें महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री के रूप में उल्लेख किया था। जयंत पाटील के बाद अपने नाम का होर्डिंग लगाए जाने पर अजित पवार ने इसे गंभीरता से न लेने को कहा है।

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उनका कहना है कि कार्यकर्ता अति उत्साह में ऐसा करते हैं। इससे उन्हें समाधान मिलता है, लेकिन एनसीपी में नेताओं के बीच कोई स्पर्धा नहीं है। क्योंकि नेता जानते हैं कि मुख्यमंत्री बनने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन चाहिए होता है। जब हमारे 145 विधायक होंगे, तभी मुख्यमंत्री कौन होगा यह तय होगा। तब तक इन बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। वहीं एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि महाविकास आघाडी आगामी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेगी। मुझे विश्वास है कि महाविकास आघाडी सरकार चुनाव के बाद सत्ता में आएगी। लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? यह अंकों के आधार पर होगा। साथ ही, अगर एनसीपी को संख्याबल के हिसाब से मुख्यमंत्री का पद मिलता है, तो शरद पवार तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा। उनका शब्द हमारे लिए अंतिम होगा।

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