मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि शिकायत के संबंध में मुंबई की अदालत ने संजय राउत को पेश होने को दिया निर्देश,
Mumbai court directs Sanjay Raut to appear in respect of defamation complaint filed by Medha Somaiya
मुंबई : मुंबई में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को 6 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया. दरअसल उन्हें, बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा द्वारा दायर मानहानि शिकायत के संबंध में अपनी याचिका दर्ज करने के लिए उपस्थित रहने को कहा गया है. उक्त तिथि पर, राउत अदालत को सूचित करेंगे कि क्या वह मामले में अपना दोष स्वीकार करेंगे और मजिस्ट्रेट तदनुसार या तो मुकदमे की कार्रवाई करेंगे या पेनाल्टी लगाएंगे.
अदालत में पेश होने के बाद मजिस्ट्रेट ने 13 जुलाई को राउत के खिलाफ जमानती वारंट रद्द कर दिया और आगे की सुनवाई 18 जुलाई को तय कर दी. राउत के मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद इस महीने की शुरुआत में वारंट जारी किया गया था, क्योंकि पिछले महीने अदालत ने राउत के खिलाफ समन जारी कर उन्हें पेश होने का निर्देश दिया था. उधर मेधा सोमैया के वकील विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 70 के तहत 5,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया गया था क्योंकि न तो राउत और न ही उनके वकील अदालत में मौजूद थे और वारंट के लिए एक आवेदन दायर किया गया था.
मेधा सोमैया ने लगाए थे ये आरोप
केमिस्ट्री की प्रोफेसर मेधा ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि राउत ने उन्हें बदनाम करने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाए. अदालत के समक्ष उनकी याचिका में कहा गया है कि 12 अप्रैल को उन्हें शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख मिला जिसमें सोमैया पर मीरा-भायंदर नगर निगम में "शौचालय घोटाले" का आरोप लगाया गया था. बकौल द इंडियन एक्सप्रेस, उन्होंने कहा कि सामना में कहानी प्रकाशित होने के बाद लेख और अन्य मीडिया में आरोप बिना सबूत के थे और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से लगाए गए थे.
अदालत ने की थी ये टिप्पणी
अदालत ने पिछले महीने अपने आदेश में राउत को समन जारी करते हुए कहा था कि “इन दस्तावेजों और वीडियो क्लिप को रिकॉर्ड पर पेश किया गया, प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आरोपी ने 15 अप्रैल और 16 अप्रैल को शिकायतकर्ता (मेधा) के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए थे, ताकि इसे जनता द्वारा बड़े पैमाने पर देखा जा सके और समाचार पत्र में जनता द्वारा पढ़ा जा सके. शिकायतकर्ता द्वारा यह भी प्रथम दृष्टया साबित होता है कि आरोपी संजय राउत द्वारा बोले गए शब्द ऐसे थे कि इसने शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है."
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