पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार का खेल खत्म... पूर्व गृह मंत्री ने बिलावल भु्ट्टो की भी खोली पोल
The game of Shahbaz Sharif government in Pakistan is over... Former Home Minister also exposed Bilawal Bhutto

Pakistan के पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने पाकिस्तान में बिगड़ती आर्थिक स्थिति के लिए शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की खिंचाई की और कहा कि अब इस सरकार का खेल खत्म हो गया है।
पाकिस्तान : पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने पाकिस्तान में बिगड़ती आर्थिक स्थिति के लिए शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की खिंचाई की और कहा कि अब इस सरकार का खेल खत्म हो गया है।
उन्होंने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर ऑफिस तक नहीं जाने का आरोप लगाया। उन्होंने अंदेशा जताया कि श्रीलंका की तरह कहीं पाकिस्तान का भी पतन न हो जाए।
राशिद ने ट्विटर पर लिखा, "खुदा ही जानता है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के भ्रष्टाचार के 150 संदर्भों को बहाल करेगा।" उन्होंने कहा, "एनएबी संशोधनों को अमान्य कर दिया जाएगा और एक करोड़ विदेशी पाकिस्तानियों को वोट देने का अधिकार मिल जाएगा।"
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी पर तीखा प्रहार करते हुए पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि भुट्टो मेहमान की तरह आते हैं और अपने कार्यालय तक की शक्ल नहीं देखते। बाद के एक ट्वीट में, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर अत्यधिक महंगाई का बोझ है।
राशिद ने दावा किया कि "पेट्रोल माफिया" ने सरकार को तीन दिनों के लिए ईंधन की कीमतें कम करने से रोका था। डॉन के अनुसार, पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में बिना विभागों के 21 मंत्री हैं।
विशेष रूप से, पाकिस्तान में मुद्रास्फीति में भारी वृद्धि के परिणामस्वरूप मांग में कमी आई है और आम नागरिकों के लिए बुनियादी जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है।
राशिद आगे कहते हैं कि आर्थिक विशेषज्ञों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि पाकिस्तान में सिकुड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ देश का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के आर्थिक पतन के बाद सबसे बड़ी चिंता पाकिस्तान की है क्योंकि महंगाई लगातार आसमान छू रही है।
मुद्रास्फीति महीने-दर-माह (MoM) 6.34 प्रतिशत बढ़ रही है। जून में वर्ष-दर-वर्ष (YoY) 21.32 प्रतिशत तक पहुंच गई। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में देश में महंगाई 18-20 फीसदी के दायरे में रहेगी।
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