मुंबई मनपा का चुनाव छह महीने लटकने की संभावना...
Mumbai Municipal elections likely to be delayed by six months

मुंबई मनपा में वॉर्डों की संख्या २३६ से २२७ करनेवाले राज्य सरकार की अधिसूचना के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने का निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है।
मुंबई : मुंबई मनपा में वॉर्डों की संख्या २३६ से २२७ करनेवाले राज्य सरकार की अधिसूचना के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने का निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। जिसके चलते न्यायालयीन प्रक्रिया और मनपा क्षेत्र में फिर से २२७ वॉर्ड होने के बाद चुनाव के लिए वॉर्डों के सीमांकन, आरक्षण, मतदाता सूची में लोगों की शिकायत, सूचना और सुझाव के बाद मतदाता सूची को अंतिम निर्णय देने तक इस पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से करना होगा। इस प्रक्रिया में लगनेवाले समय को देखते हुए मुंबई मनपा का चुनाव छह महीने लटकने की संभावना स्पष्ट दिख रही है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार चुनाव आयोग ने मनपा के प्रलंबित चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश मुंबई मनपा को दिया था। जिसके बाद इसी वर्ष ३१ मई को ओबीसी आरक्षण के बिना लॉटरी निकाली गई। ओबीसी आरक्षण के मामले को सुलझने के बाद २८ जुलाई को फिर से ओबीसी आरक्षण के साथ लॉटरी निकाली गई। मनपा क्षेत्र में २३६ वॉर्डों की रचना के अनुसार अक्टूबर में चुनाव होने की संभावना थी।
लेकिन राज्य में नई सरकार ने बढ़े ९ वॉर्डों की संख्या को रद्द करते हुए फिर से २२७ वॉर्ड करने की अधिसूचना जारी की। इसके विरोध में शिवसेना के पूर्व नगरसेवक राजू पेडणेकर व सुभाष वाडकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर कोर्ट ने नई सरकार के निर्णय पर स्थगन देते हुए कोई निर्णय न लेने का निर्देश दिया। कल हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने पहले मुंबई उच्च न्यायालय में अपील करने का निर्देश दिया।
मुंबई के ३६ विधानसभा के अनुसार मतदाताओं की सूची मनपा चुनाव आयोग को देती है।
इन मतदाता सूचियों को मनपा के प्रत्येक वॉर्ड के सीमा और लोकसंख्या के अनुसार अंतिम रूप दिया जाता है।
मतदाता सूची तैयार होने के बाद लोगों को शिकायत सूचना और आपत्ति के लिए आमंत्रित किया जाता है।
शिकायत, सूचना और आपत्ति को लेकर आवश्यक कार्यवाही किए जाने के बाद सूची चुनाव आयोग को फिर से पेश की जाती है।
इस अंतिम सूची को आयोग की ओर से अंतिम मोहर लगाकर मनपा को सूचित किया जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ के समक्ष वकील देवदत्त कामत ने दलील दी, जिसके बाद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने पहले मुंबई उच्च न्यायालय में अपील करने का निर्देश देते हुए कहा कि मुंबई उच्च न्यायालय में निर्णय के बाद सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का पर्याय मिलेगा।
मुंबई मनपा चुनाव के लिए अब तक दो बार आरक्षण की लॉटरी निश्चित करने और मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के काम के लिए लोगों से सूचना मंगवाई गई और मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया गया। इसके लिए मनपा के ३०० से ज्यादा कर्मचारियों ने काम किया और ५० लाख से अधिक रुपए खर्च किए गए। नई सरकार के नए निर्णय के चलते एक बार फिर २२७ वॉर्ड के लिए सभी प्रक्रिया फिर से करने के लिए सैकड़ों कर्मचारियों की मेहनत लगेगी और लाखों रुपए बर्बाद होंगे।
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