बदले-बदले से दिख रहे, ठाकरे... राहुल पर पारा गर्म, BJP पर नरम
Thackeray is seen from turn to turn... mercury hot on Rahul, soft on BJP
.jpg)
महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद पहली बार बीते 23 मार्च को विधानभवन में अंदर जाते वक्त उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस से खूब हंसते-बतियाते दिखे थे। फिर विधानपरिषद में बीजेपी के सीनियर नेता और मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह कहा भी था कि शाख कब तक पेड़ से जुदा रह सकता है, अब भी वक्त है- आ अब लौट चलें। यानी एक तरफ ठाकरे गुट की कांग्रेस और MVA से दूरियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं तो दूसरी तरफ BJP के साथ दूरियों की खाई पाटने की पहल भी नजर आ रही है।
मुंबई : जहां एक तरफ बीते 26 मार्च को मालेगांव की रैली में उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में राहुल गांधी का नाम लिए बिना यह स्पष्ट कहा था कि, वीर सावरकर का अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। वहीं इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने MVA की एक मीटिंग करने की कोशिश की, जिससे उद्धव ठाकरे ने साफ़ किनारा कर लिया था। वहीं इसके इसके बीते सोमवार की शाम को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली में विपक्षी दलों की मीटिंग रखी है।
उसमें भी उद्धव ठाकरे गैरहाजिर ही रहे। ऐसे में अब ये कयास उठ रहे हैं कि, क्या उद्धव अब सावरकर के बहाने कांग्रेस और आघाड़ी से किनारे कटने का बहाना खोज रहे हैं? हालांकि मामले यहां तक रहता तो ठीक था, लेकिन फिर कुछ अलग बातें और अब नए मौके भी बनते दिख रहे हैं। दरअसल महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद पहली बार बीते 23 मार्च को विधानभवन में अंदर जाते वक्त उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस से खूब हंसते-बतियाते दिखे थे। फिर विधानपरिषद में बीजेपी के सीनियर नेता और मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह कहा भी था कि शाख कब तक पेड़ से जुदा रह सकता है, अब भी वक्त है- आ अब लौट चलें। यानी एक तरफ ठाकरे गुट की कांग्रेस और MVA से दूरियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं तो दूसरी तरफ BJP के साथ दूरियों की खाई पाटने की पहल भी नजर आ रही है।
हालांकि इधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिन्दुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर बीते सोमवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था। शिंदे ने यहां यह भी कहा था कि शिवसेना और BJP राज्य भर में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ निकालेगी। वहीं मौके पर मौजूद उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ संवाददाताओं को संबोधित कर रहे मुख्यमंत्री शिंदे ने इन टिप्पणियों का विरोध करने के लिए ठाकरे से ‘हिम्मत’ दिखाने को कहा था। ऐसे में अब यह तो साफ़ है कि, शिंदे गुट जो कि इस समय BJP के साथ है, वह बिलकुल भी चाहेगा कि उद्धव ठाकरे गुट और BJP के कुछ नए समीकरण बने। ऐसे में अब सबकी नजर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर है जो, मौन होकर सिर्फ आने वाले समय पर नजर रख रहे हैं।
Today's E Newspaper
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List