एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी के पुनर्विकास को लेकर धारावीवासियों में भ्रम की स्थिति...
Dharavi residents are confused about the redevelopment of Asia's largest slum Dharavi.
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धारावी के पुनर्विकास को लेकर धारावीवासियों में इन दिनों भ्रम की स्थिति है। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद लड़खड़ाई अडानी कंपनी इस परियोजना को पूरा कर पाऐगी या नहीं, साथ ही इससे पहले धारावी विकास का टेंडर जीतने वाली पहली एसटीसी कंपनी ने हाईकोर्ट में इस प्रोजेक्ट में बड़ी गड़बड़ी होने का दावा किया है। सरकार और अडानी कंपनी के बीच साजिश होने के आरोप विपक्ष के नेता लगा रहे हैं।
मुंबई : एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी इलाका धारावी के पुनर्विकास को लेकर धारावीवासियों में इन दिनों भ्रम की स्थिति है। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद लड़खड़ाई अडानी कंपनी इस परियोजना को पूरा कर पाऐगी या नहीं, साथ ही इससे पहले धारावी विकास का टेंडर जीतने वाली पहली एसटीसी कंपनी ने हाईकोर्ट में इस प्रोजेक्ट में बड़ी गड़बड़ी होने का दावा किया है। सरकार और अडानी कंपनी के बीच साजिश होने के आरोप विपक्ष के नेता लगा रहे हैं।
स्थानीय विधायक वर्षा गायकवाड ने सरकार की धारावी विकास की नीयत पर सवाल उठाते हुए अडानी समूह को मिले इस टेंडर को रद्द करने की मांग की है। इस बीच यहां सर्वेक्षण को लेकर उड़ रही खबरों से स्थानीय लोग भी असमंजस में हैं। धारावी में उद्योग, व्यापार, रोजगार, और कर्मचारियों का क्या होगा? इस पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह परियोजना शुरू नहीं हुई कि इसमें अनियमितताओं का हवाला देकर रद्द करने की मांग उठाने लगी है।
धारावी पुनर्विकास योजना को लेकर २०१९ में सफल बोली लगाने वाली कंपनी सिकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (एसटीसी) ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि नए टेंडर प्रक्रिया से राज्य सरकार का २,१०० करोड़ रुपए नुकसान हुआ है। इससे राज्य सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कंपनी ने मांग की है कि इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द किया जाना ही एकमात्र बेहतर विकल्प होगा और यह टेंडर को जनहित के लिए नए सिरे से टेंडरिंग कराई जानी चाहिए।
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