टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में डिजिटल है नायर अस्पताल
Nair Hospital is digital in the study done by Tata Institute of Social Sciences
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नायर अस्पताल का प्रभावी तरीके से डिजिटलीकरण किया गया है। इसके चलते यहां मरीजों की देखभाल और बढ़ गई है। साथ ही रोगों का सटीकता से पता लगाए जाने के साथ ही इलाज में तेजी और खामियां कम हो रही हैं। जो पूरी तरह से मैनुअल सिस्टम पर काम कर रहे हैं। यह जानकारी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में पाई गई है।
मुंबई : सायन और केईएम की तुलना में नायर अस्पताल का प्रभावी तरीके से डिजिटलीकरण किया गया है। इसके चलते यहां मरीजों की देखभाल और बढ़ गई है। साथ ही रोगों का सटीकता से पता लगाए जाने के साथ ही इलाज में तेजी और खामियां कम हो रही हैं। जो पूरी तरह से मैनुअल सिस्टम पर काम कर रहे हैं। यह जानकारी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में पाई गई है।
बता दें कि मरीजों की परेशानियों को कम करने और कामकाज के साथ ही जांच में सटीकता लाने के उद्देश्य से साल २०१८ में मनपा के नायर में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली को लागू किया गया था। इसी बीच टीआईएसएस परियोजना ने नायर अस्पताल के कामकाज और मरीजों की देखभाल को समझने के लिए एक अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि डिजिटलाइजिंग ने नायर अस्पताल को चिकित्सा स्थितियों का पता करने में लगने वाले समय, सर्जरी प्रतीक्षा और रद्द करने की दर को कम करने में मदद की।
इसके साथ ही लैब रिपोर्ट की सटीकता में सुधार और यहां तक कि मृत्यु दर में भी सुधार हुआ। नायर अस्पताल के डीन डॉ. प्रवीण राठी के अनुसार, डिजिटलीकरण ने व्यापक रोगी देखभाल के मामले में नायर को शीर्ष पर रखा है। अध्ययन में कहा गया है कि पिक्चर आर्काइविंग और कम्युनिकेशन सिस्टम के कार्यान्वयन के माध्यम से अस्पताल अपनी रेडियोलॉजिकल सेवाओं में भी काफी सुधार कर सकता है।
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