बांग्लादेश और म्यांमार के तटों पर दस्तक दे सकता है चक्रवाती तूफान 'मोका'... 4 लाख लोगों को किया गया रेस्क्यू
Cyclonic storm 'Moka' may knock on the coasts of Bangladesh and Myanmar ... 4 lakh people were rescued
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संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केंद्र ने चेतावनी दी है कि यदि यह तूफान बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा, तो और भी कई बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो सकते हैं। बांग्लादेश में आपदा राहत अधिकारी मिजानुर रहमान ने कहा, "जीवन बचाना हमारी प्राथमिकता है, दोपहर के आसपास तूफान आने से पहले हमने लगभग 300,000 लोगों को जोखिम वाले इलाकों से हटा दिया है।
ढाका : चक्रवाती तूफान 'मोका' कई हद तक खतरनाक हो चुका है। बांग्लादेश और म्यांमार के तटों पर दस्तक दे सकता है। इस तूफान से बांग्लादेश और म्यांमार के हजारों लोग प्रभावित हो सकता हैं। 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है और 12 फीट तक की समुद्री लहरें उठने की संभावना है। इसका सबसे अधिक प्रभाव म्यांमार के रखाइन और चिन राज्यों में दिखेगा।
संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केंद्र ने चेतावनी दी है कि यदि यह तूफान बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा, तो और भी कई बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो सकते हैं। बांग्लादेश में आपदा राहत अधिकारी मिजानुर रहमान ने कहा, "जीवन बचाना हमारी प्राथमिकता है, दोपहर के आसपास तूफान आने से पहले हमने लगभग 300,000 लोगों को जोखिम वाले इलाकों से हटा दिया है।
सहायता कर्मी चक्रवात के रास्ते के पास कॉक्स बाजार के समुद्री तट शहर में शिविरों में रह रहे दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर चिंतित हैं। एक्शन एड बांग्लादेश के फराह कबीर ने कहा, "जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया जारी है और हम राहत पैकेज की भी व्यवस्था कर रहे हैं।"
मिली जानकारी के मुताबिक, म्यांमार के गरीब रखाइन प्रांत में पिछले सप्ताह से अब तक लगभग 100,000 लोग सुरक्षित क्षेत्रों में चले गए हैं। अराकान आर्मी के प्रवक्ता खिन थु खा ने कहा, "हम क्षेत्र के मठों और स्कूलों को आश्रय के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। हमने स्थानीय निवासियों के सहयोग से भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक रही तो, परेशानी बढ़ सकती है।"
म्यांमार एयरवेज इंटरनेशनल ने कहा कि रखाइन राज्य के लिए उसकी सभी उड़ानें सोमवार तक निलंबित कर दी गई हैं। म्यांमार रेड क्रॉस सोसाइटी ने कहा कि वह आपातकालीन स्थिति के लिए तैयारी कर रहा है। बांग्लादेश के सबसे बड़े बंदरगाह चटगांव में परिचालन निलंबित कर दिया गया। नाव परिवहन और मछली पकड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।
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