मुंबई में स्वाइन फ्लू और H3N2 के संक्रमण का बढ़ा खतरा ! इस वर्ष सबसे अधिक 1196 लोग स्वाइन फ्लू और H3N2 से 686 लोग संक्रमित
Increased risk of swine flu and H3N2 infection in Mumbai! This year maximum 1196 people got infected with swine flu and 686 people got infected with H3N2.

आंकड़ों के अनुसार पिछले 7 वर्षों की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक 1196 लोग स्वाइन फ्लू और H3N2 से 686 लोग संक्रमित मिले हैं। एक्सपर्ट्स ने घबराने के बजाय मुंबईकरों को एहतियात बरतने की सलाह दी है, क्योंकि अब ठंड शुरू होने वाली है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में स्वाइन फ्लू के महज 3 केस मिले थे, लेकिन अगले ही वर्ष 2017 में 995 लोग संक्रमित हुए, जिसमें 17 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी।
मुंबई: महानगर के मौसम में जारी उतार-चढ़ाव बीमारियों की वजह हो सकता है। दिन में गर्मी और रात में ठंड होने के मौसम को इन्फ्लूएंजा- ए (स्वाइन फ्लू और H3N2) के संक्रमण के लिए अनुकूल माना जाता है। इस वर्ष वैसे भी स्वाइन फ्लू और इन्फ्लूएंजा की लहर चली।
आंकड़ों के अनुसार पिछले 7 वर्षों की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक 1196 लोग स्वाइन फ्लू और H3N2 से 686 लोग संक्रमित मिले हैं। एक्सपर्ट्स ने घबराने के बजाय मुंबईकरों को एहतियात बरतने की सलाह दी है, क्योंकि अब ठंड शुरू होने वाली है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में स्वाइन फ्लू के महज 3 केस मिले थे, लेकिन अगले ही वर्ष 2017 में 995 लोग संक्रमित हुए, जिसमें 17 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी।
2018 में मात्र 25 केस रिपोर्ट हुए। 2019 में फिर स्वाइन फ्लू का वायरस वायरल हुआ। 451 लोग इससे संक्रमित हुए और 5 लोगों को जान गंवानी पड़ी। साल 2020 में 44 और 2021 में 64 केस रिपोर्ट हुए। कोविड के दौरान लोगों में बीमारी को लेकर जागरूकता और भी बढ़ी।
2022 में 346 केस रिपोर्ट हुए, लेकिन इस वर्ष स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने वालों की संख्या लगभग 1200 तक पहुंच गई है। बीएमसी अस्पताल से जुड़े एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि स्वाइन फ्लू का एक पैटर्न रहा है। एकाएक किसी वर्ष में मामले काफी बढ़ जाते हैं। इस वर्ष भी ज्यादा केस मिले हैं। ठंड का मौसम आ रहा है, तो लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है।
एच एन रिलायंस अस्पताल के आईसीयू विभाग के चेयरमैन डॉ. राहुल पंडित ने बताया कि फ्लू की लहर हर 4 से 5 साल में देखा जाता है। यह ट्रेंड हम देखते आ रहे हैं। इस वर्ष भी केस अधिक रिपोर्ट हुए। बीएमसी की रिपोर्टिंग बेहतर हुई है, लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है, हालांकि इस वर्ष अस्पताल में एडमिशन की जरूरत बहुत ही कम लोगों को पड़ी। नॉन एंटिबायॉटिक दवाइयां लेकर कई मरीज घर पर आराम से रिकवर हुए हैं।
एच एन रिलायंस अस्पताल के आईसीयू विभाग के चेयरमैन डॉ. राहुल पंडित ने बताया कि मौसम में बदलाव हो रहा है। हल्की ठंड बढ़ रही है, तो इस मौसम में इन्फ्लूएंजा संक्रमण होने का जोखिम अधिक है। लोगों को घबराने की बजाय एहतियात बरतने की जरूरत है। हाइजीन पर ध्यान दें, सुबह वॉक पर थोड़ी देरी से निकले। जिन्हें सांस से संबंधित बीमारी है, उन्हें खासा ध्यान देने की जरूरत है। बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं भी अपना ध्यान रखें।
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