बुजुर्ग और बीमार को कोविड जोखिम ज्यादा; टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ रमण गंगाखेडेकर ने दिया सुझाव
Elderly and sick are at higher risk of Covid; Task Force Chairman Dr. Raman Gangakhedekar gave the suggestion

मुंबई: नए वर्ष का जश्न मानकर घर लौटने वाले किसी व्यक्ति को बीमार और बुजुर्ग व्यक्ति के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए। आगामी 5 दिनों तक घर में अगर सभी लोग मास्क पहनें, तो सही होगा क्योंकि बाहर से आए लोगों से घर में संक्रमण फैलने का जोखिम ज्यादा होता है। खासकर बीमार व बुजुर्गों में कोविड का वायरस ज्यादा तेजी से हावी हो सकता है।
मुंबई: नए वर्ष का जश्न मानकर घर लौटने वाले किसी व्यक्ति को बीमार और बुजुर्ग व्यक्ति के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए। आगामी 5 दिनों तक घर में अगर सभी लोग मास्क पहनें, तो सही होगा क्योंकि बाहर से आए लोगों से घर में संक्रमण फैलने का जोखिम ज्यादा होता है। खासकर बीमार व बुजुर्गों में कोविड का वायरस ज्यादा तेजी से हावी हो सकता है। अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। यह बात टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. रमण गंगाखेडेकर ने कही है। उन्होंने सुझाव दिया कि सावधानी बरतते हुए ऐसे लोगों को मास्क पहनना चाहिए।
31 दिसंबर और नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए मुंबई से बड़े पैमाने पर लोग शिमला, मनाली, गोवा सहित अन्य राज्यों में घूमने जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कोविड भी अपना पांव पसार रहा है। एनबीटी से बातचीत में पूर्व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के निदेशक रहे डॉ. गंगाखेडेकर ने बताया कि कोविड से डरने की आवश्कता नहीं है। कोविड से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। अस्पतालों में बेड्स, उपचार के लिए दवाइयां और डॉक्टर भी उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य यंत्रणा तैयार है।
उन्होंने कहा कि जेएन.1 ओमिक्रॉन वायरस का नया सब वेरिएंट है। यह वेरिएंट तेजी से फैलता है। इस वायरस से सबसे ज्यादा जोखिम बुजुर्गों और बीमार लोगों को है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। यह वायरस उच्च जोखिम वालों के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्कता पड़ सकती है। इसलिए मेरी लोगों से अपील है कि जो भी लोग अन्य राज्यों से या भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों से छुट्टी मनाकर लौट रहे हैं, वे घर में बुजुर्गों और बीमार लोगों के सीधे संपर्क में न आएं। वरना वे संक्रमित हुए तो उनसे दूसरों में भी संक्रमण फेल सकता है। कम से कम 5 दिनों तक घर में मास्क पहनें।
डॉ. गंगाखेडकर ने बताया कि बूस्टर डोज को लेकर निर्णय टास्क फोर्स की बैठक में होगा, लेकिन मेरी निजी राय यह है कि पुराने वैक्सीन जो बने थे, वह ओमिक्रॉन वायरस से लड़ने में उतने कारगर नहीं हैं। हालांकि अब वैक्सीन आ गई है जो ओमिक्रॉन पर भी असरदार है। इसलिए मुझे लगता है कि जिनकी इम्यूनिटी कम है, इनके साथ ही बीमार और बुजुर्ग लोग भी बूस्टर डोज ले सकते हैं। इसमें कोई जोर जबरदस्ती वाली बात नहीं है। इच्छा हो तो लें, वरना नहीं, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें।
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