प्रॉपर्टी टैक्स भरने की समय सीमा 25 मई तक बढ़ने के बाद... बीएमसी के खजाने में अब तक सिर्फ 23% ही हुआ जमा
After extension of deadline for filing property tax till May 25... only 23% has been deposited in BMC's treasury till now.
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बीएमसी ने 26 फरवरी 2024 से प्रॉपर्टी टैक्स बिल भेजना शुरू किया। अब तक 9.22 लाख से अधिक बिल करदाताओं को ईमेल के माध्यम से भी भेजे जा चुके हैं। बाकी लोगों को बिल भेजने की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने मुंबई में 500 वर्ग फीट तक के घरों की प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ कर दिया था। इससे बीएमसी का प्रॉपर्टी टैक्स 7,000 करोड़ रुपये से घटकर 4,500 करोड़ पर आ गया है।
मुंबई: मौजूदा आर्थिक वर्ष 2023-24 खत्म होने में सिर्फ 21 दिन बचे हैं, जबकि बीएमसी की आय के प्रमुख स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स का सिर्फ 23 प्रतिशत ही खजाने में जमा हो सका है। बीएमसी को प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में अब तक 1,043 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो बीएमसी के 4,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य से बहुत कम है।
हालांकि, बीएमसी ने विवाद के बाद प्रॉपर्टी टैक्स भरने की समय सीमा 25 मई तक बढ़ा दी है। 25 मई तक वर्ष 2023-24 का प्रॉपर्टी टैक्स भरने पर बीएमसी दंड नहीं लगाएगी। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल प्रॉपर्टी टैक्स का बिल भेजने को लेकर काफी उहापोह की स्थिति रही। पहले बीएमसी ने मुंबई में रेडीरेकनर दर पर प्रॉपर्टी टैक्स में लगभग 14 फीसदी बढ़ोतरी करने की योजना बनाई, लेकिन राज्य सरकार ने इसे रोक दिया।
इसका असर यह हुआ कि तय समय पर बिल भेजने में बीएमसी नाकाम रही। इसी का नतीजा है कि बीएमसी को एक साथ सालभर का बिल भेजना पड़ रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का लक्ष्य हासिल करने में सफल रहेंगे। बीएमसी के नियम के अनुसार 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक प्रॉपर्टी टैक्स का बिल पहली बार और 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक के टैक्स का बिल साल में दो बार यानी छह-छह महीने में लोगों को भेजा जाता है, लेकिन इस साल यह बिल एक साथ भेजी जा रही है, जिस पर काफी विवाद हो चुका है।
बीएमसी ने 26 फरवरी 2024 से प्रॉपर्टी टैक्स बिल भेजना शुरू किया। अब तक 9.22 लाख से अधिक बिल करदाताओं को ईमेल के माध्यम से भी भेजे जा चुके हैं। बाकी लोगों को बिल भेजने की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने मुंबई में 500 वर्ग फीट तक के घरों की प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ कर दिया था। इससे बीएमसी का प्रॉपर्टी टैक्स 7,000 करोड़ रुपये से घटकर 4,500 करोड़ पर आ गया है।
बीएमसी के नियम के अनुसार, हर 5 साल में प्रॉपर्टी टैक्स में सुधार किया जाता है। पिछली बार वर्ष 2015 में सुधार करते हुए बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स में वृद्धि की थी। नियम के अनुसार, वर्ष 2020 में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया जाना था, लेकिन मार्च 2020 में शुरू हुए कोरोना संकट के कारण टैक्स नहीं बढ़ाया गया। जून 2021 में नई रेडीरेकनर दर के अनुसार 14 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव बीएमसी प्रशासन ने स्थायी समिति में पेश किया था। हालांकि, बीजेपी, कांग्रेस और सपा के भारी विरोध के कारण प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा था। बीएमसी कमिश्नर आई.एस. चहल ने वर्ष 2022-23 के बजट में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसके बाद बीएमसी ने इस साल नई रेडीरेनेकर दर के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की योजना बनाई थी, जिस पर अब ब्रेक लग गया है।
ऑक्ट्रॉय बंद होने के बाद बीएमसी की आय के प्रमुख स्रोतों में प्रॉपर्टी टैक्स शामिल है, लेकिन इसकी वसूली को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिखाई देती। बीएमसी कहती है कि यह लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने टैक्स समय भरें, लेकिन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का कोई कदम बीएमसी नहीं उठाती है।
कई वर्षों से बीएमसी का करोड़ों रुपये बकाया रखने वाले लोगों की बीएमसी ने प्रॉपर्टी अटैच की, लेकिन उसके आगे कोई कार्रवाई नहीं कर सकी, जबकि बीएमसी का दावा है कि जब्त प्रॉपर्टी की नीलामी कर बकाया वसूला जाएगा। हेलिकॉप्टर से लेकर कंप्यूटर तक बीएमसी जब्त कर चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से लोगों के मन में कोई भय नहीं है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई के मामले में उनके हाथ बंधे हुए हैं।
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