आरक्षण से इनकार करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए मराठा समुदाय सबक सिखाएगा - मनोज जरांगे
Maratha community will be taught a lesson for denying reservation and filing criminal cases against protesters - Manoj Jarange
मुंबई : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि आरक्षण से इनकार करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए मराठा समुदाय महाराष्ट्र की 'महायुति’ सरकार को लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएगा।
मुंबई : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि आरक्षण से इनकार करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए मराठा समुदाय महाराष्ट्र की 'महायुति’ सरकार को लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएगा। शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर पिछले साल कई बार आमरण अनशन कर सुर्खियों में रहे जरांगे ने यह भी कहा कि समुदाय ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में कोई राजनीतिक रुख नहीं अपनाया है, हालांकि सत्ता के खिलाफ आक्रोश बहुत ज्यादा है।
जरांगे ने जालना जिले के अपने गांव अंतरवाली सरती में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि समुदाय के गुस्से और एकता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर प्रचार करने के लिए मजबूर किया।
राज्य में शिवसेना-भाजपा-राकांपा की 'महायुति' सरकार को परोक्ष चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, “उन लोगों के खिलाफ मामले क्यों दर्ज किए गए, जिन्होंने शांतिपूर्वक ‘रास्ता रोको’ आंदोलन किया, जिन्होंने पिछले साल आरक्षण आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल की, बैठकें या रैलियां कीं। यह गृह विभाग का दुरुपयोग था। समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। हम उन्हें सबक जरूर सिखाएंगे।” उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस राज्य के गृह मंत्री भी हैं।
जरांगे ने कहा, “उनके (राज्य भाजपा नेताओं) के कारण मोदी को कठिन समय का सामना करना पड़ा। उन्हें इतनी सारी रैलियां करनी पड़ीं और यहीं रुकना पड़ा। ऐसा इसलिए है क्योंकि गरीब मराठा एक साथ आ गए हैं...यह हमारी एकजुटता का डर है।” प्रधानमंत्री ने मौजूदा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में अब तक 10 से अधिक रैलियां की हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं।
महा विकास आघाडी से भी नाराजगी जाहिर की
हालांकि सरकार पात्र मराठों को 'कुनबी' (एक ओबीसी समुदाय) जाति प्रमाण पत्र जारी करने पर सहमत हो गई, लेकिन सभी मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण देने की उनकी मांग पूरी नहीं हुई है। उन्होंने विपक्षी दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के महा विकास आघाडी से भी नाराजगी जाहिर की। जरांगे ने कहा, “समुदाय के साथ न केवल महायुति बल्कि महा विकास आघाडी ने भी अन्याय किया है। यह सच है कि गुस्सा है। (समुदाय के सदस्यों के खिलाफ) झूठे मामले दर्ज किए गए, एक एसआईटी का गठन किया गया, हमले किए गए, और ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण नहीं दिया गया।”
महाराष्ट्र में पहली बार पांच चरण में मतदान हो रहा है। जालना में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। पांचवें चरण का मतदान 20 मई को होगा।

