महाराष्ट्र में अब मंदिरों की तरह मस्जिद और चर्च भी सरकार के नियंत्रण में आ सकते हैं - राहुल नार्वेकर
Now in Maharashtra, like temples, mosques and churches can also come under government control - Rahul Narvekar
सिद्धिवनायक मंदिर ट्रस्ट का कार्यकाल अब 3 साल से बढ़ाकर 5 साल हो गया। संशोधित विधेयक के तहत ट्रस्ट की कार्यकारिणी में एक अध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष और एक समिति के गठन का प्रावधान है, जिसकी संख्या 15 से अधिक नहीं होगी। यह संशोधन श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने, विभिन्न योजनाओं को लागू करने, ट्रस्ट के प्रभावी प्रबंधन और सुशासन को सक्षम करने के उद्देश्य से किया गया।
मुंबई : महाराष्ट्र में अब मंदिरों की तरह मस्जिद और चर्च भी सरकार के नियंत्रण में आ सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को राज्य सरकार को यह सुझाव दिया। मंत्री जयकुमार रावल ने उन्हें इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। दरअसल, विधानसभा में फडणवीस सरकार ने प्रभादेवी स्थित प्रसिद्ध स्वयंभू सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया था। नार्वेकर ने विधेयक पर मतदान भी कराया।
विधेयक पर चर्चा के दौरान नार्वेकर ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को संविधान के प्रावधानों के अनुसार अन्य धर्मों पर भी वही सिद्धांत लागू करने पर विचार करना चाहिए। मंत्री जयकुमार रावल ने उन्हें इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि अगर सरकार सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्टियों की संख्या 9 से बढ़ाकर 15 करने का फैसला करती है, तो इसमें विपक्षी दल के सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए। फिलहाल, शिवसेना के सदा सरवणकर ट्रस्ट के अध्यक्ष और मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी कोषाध्यक्ष हैं।
सिद्धिवनायक मंदिर ट्रस्ट का कार्यकाल अब 3 साल से बढ़ाकर 5 साल हो गया। संशोधित विधेयक के तहत ट्रस्ट की कार्यकारिणी में एक अध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष और एक समिति के गठन का प्रावधान है, जिसकी संख्या 15 से अधिक नहीं होगी। यह संशोधन श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने, विभिन्न योजनाओं को लागू करने, ट्रस्ट के प्रभावी प्रबंधन और सुशासन को सक्षम करने के उद्देश्य से किया गया।
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