पुणे में 3 करोड़ की कार से युवक-युवती को कुचला, नाबालिग के खिलाफ केस दर्ज
A young man and woman were crushed by a car worth Rs 3 crore in Pune, case registered against a minor

मुंबई। रविवार की सुबह अपनी पोर्शे कार में नशे में गाड़ी चलाते समय एक नाबालिग द्वारा दो युवा तकनीशियनों को टक्कर मारने के मामले में घटिया जांच के आरोपों में घिरी पुणे पुलिस ने अब कहा है कि अभियोजन पक्ष अदालत से आरोपी किशोर के खिलाफ एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाने का अनुरोध करेगी। इससे पहले किशोप न्याय बोर्ड ने कार हादसे में संलिप्त 17 वर्षीय किशोर को ‘300 शब्द’ का निबंध लिखने के आधार पर जमानत दे दी थी।
जब मीडिया में ये सुर्खियां बनी तो इसके एक दिन बाद पुणे पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह सत्र न्यायालय का रुख करेगी और आरोपी पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाने का आग्रह करेगी। किशोर की संलिप्तता वाले हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किशोर के पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि 17 वर्षीय किशोर कथित रूप से पोर्से कार चला रहा था और रविवार तड़के लगभग सवा तीन बजे उसने कल्याणी नगर में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि किशोर ने घटना के समय शराब पी रखी थी। उसकी उम्र 18 वर्ष होने में मात्र चार महीने ही बचे हैं।
रविवार को किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया था, जहां से कुछ घंटे के बाद ही उसे जमानत मिल गई थी। बोर्ड ने उसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जाकर यातायात नियम पढ़ने और 15 दिन के भीतर उसके समक्ष प्रस्तुति देने का निर्देश दिया था। बोर्ड के आदेश में कहा गया, ‘‘सीसीएल (कानून का उल्लंघन करने वाला बच्चा) सड़क हादसे और उसका समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा।
’’बोर्ड ने किशोर को परामर्श के लिए मद्यपान निषेध केंद्र भेजने का भी निर्देश दिया। जमानत की शर्त के कारण शहर में विरोध प्रदर्शनों की आंधी चल पड़ी। दोनों मृतकों के परिजनों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। लोग किशोर बोर्ड की भी आलोचना कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, किशोर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटरवाहन अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आरोपी नाबालिग पुणे के एक प्रमुख बिल्डर का बेटा है। उसने बारहवीं कक्षा के नतीजों का जश्न मनाने के लिए शनिवार रात अपने बारह दोस्तों के लिए एक पार्टी रखी थी। दोस्तों के साथ उसने सबसे पहले मुंडवा के पॉश इलाके में कोसी नामक एक रेस्तरां में ड्रिंक और डिनर किया। हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा देखे गए उसके मील ऑर्डर के अनुसार, उन लोगों ने भोजन के साथ होएगार्डन, जॉनी वॉकर, ब्लैक लेबल और एब्सोल्यूट ब्लू भी मंगवाया था।
इसके बाद आधी रात में दोस्तों का झुंड ब्लैक क्लब में चला गया। पुलिस एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी मेजबान ने यहां भी अधिक शराब और भोजन का ऑर्डर दिया और वे रात 1 बजे रेस्तरां से चले गए। हालांकि, पुलिस के अनुसार, रविवार सुबह 11 बजे किए गए ब्रेथएनालाइजर परीक्षण में नाबालिग में शराब का कोई निशान नहीं पाया गया।
फिलहाल उसके ब्लड सैम्पल्स लैब में भेजे गए हैं और उसके नतीजे आने अभी बाकी हैं। पुलिस ने एक अलग एफआईआर में, दोनों रेस्तरां के मालिकों, कोसी के प्रल्हाद भुटाडा और ब्लैक क्लब के मालिक संदीप सांगले पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत नाबालिगों को शराब परोसने का मामला दर्ज किया है।
नाबालिग के पिता पर भी मोटर वाहन अधिनियम की धारा 3,5 और 199 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अभिभावक के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने के लिए पिता पर किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत अतिरिक्त मामला दर्ज किया गया है। नाबालिग के पिता ने इसी साल मार्च में सिल्वर-ग्रे पोर्श खरीदी थी, लेकिन कार अभी तक पंजीकृत नहीं हुई थी क्योंकि उन्होंने कार पर 44 लाख रुपये का रोड टैक्स नहीं चुकाया है।
आरोपी के नाबालिग होने के कारण जाहिर तौर पर उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस का अनुमान है कि हादसे के वक्त आरोपी नाबालिग पोर्शे को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहा था। तभी कल्याणी नगर चौराहे पर उसने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। पुलिस ने कहा कि मोटरसाइकिल पर सवार अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई जिनकी उम्र 24 साल थी और वे मध्य प्रदेश के निवासी थे तथा आईटी पेशेवर थे।
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