राज ठाकरे को लेकर नई चर्चा शुरू... शपथ ग्रहण में मिला था निमंत्रण लेकिन नहीं हुए शामिल
New discussion has started about Raj Thackeray... He was invited to the swearing-in ceremony but did not attend
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महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सदस्यों के चुनाव के लिए 2024 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. महाराष्ट्र में पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल किया था, लेकिन आंतरिक संघर्ष के कारण शिवसेना ने गठबंधन (एनडीए) छोड़ दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ एक नया गठबंधन बना लिया.
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी की नजर विधानसभा चुनाव पर है. इस बीच राज ठाकरे को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है. मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए मनसे अध्यक्ष को निमंत्रण मिला था, लेकिन वो समारोह में शामिल नहीं हुए. हालांकि इसके पीछे का कारण उन्होंने निजी बताया है.
मोदी 3.0 शपथ ग्रहण समारोह में राज ठाकरे क्यों शामिल नहीं हुए इसपर अभी तक उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है. अब सभी की नजर इसपर टिकी हुई है कि उनका अगला रुख क्या होगा. महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जैसा सोचा था वैसा प्रदर्शन नहीं किया.
एनडीए को 2019 के चुनाव के मुकाबले कम सीटें मिली. जब राज्य में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे महायुति के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे तब ये अटकलें लगाई जा रही थी कि बीजेपी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को इसका रिटर्न गिफ्ट विधानसभा चुनाव में देगी. हालांकि लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने एक सीट मांगी जो उन्हें नहीं मिली. यहां ये भी बता दें, मनसे ने एनडीए से गठबंधन नहीं किया था, बल्कि राज ठाकरे ने पीएम मोदी को बाहर से समर्थन दिया था.
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को समर्थन देने के बाद राज ठाकरे महायुति की कई रैलियों में भी नजर आये थे. अब आगामी विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे अपनी पार्टी के लिए क्या स्टैंड लेते हैं इसपर सभी की नजर टिकी है.
महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सदस्यों के चुनाव के लिए 2024 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. महाराष्ट्र में पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल किया था, लेकिन आंतरिक संघर्ष के कारण शिवसेना ने गठबंधन (एनडीए) छोड़ दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ एक नया गठबंधन बना लिया.
इस गठबंधन को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नाम दिया गया और इसने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के साथ राज्य सरकार बनाई. हालांकि बाद में ये सरकार गिर गई.
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