महाराष्ट्र में मोबाइल क्लीनिक हवा हवाई साबित हुई... आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों में मोबाइल क्लीनिक को ले जाना संभव नहीं
Mobile clinics in Maharashtra proved to be a gimmick... It is not possible to take mobile clinics to tribal and remote areas

महाराष्ट्र में आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों में रहनेवाले आदिवासी और गरीबों का उनके दरवाजे तक पहुंच कर इलाज करने के इरादे से शुरू हुई राज्य सरकार की योजना मोबाइल क्लीनिक हवा हवाई साबित हुई है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों की संख्या ज्यादा है। इस तरह के क्षेत्रों में जाने के लिए आज भी पैदल अथवा नाव से होकर जाना पड़ता है।
मुंबई : महाराष्ट्र में आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों में रहनेवाले आदिवासी और गरीबों का उनके दरवाजे तक पहुंच कर इलाज करने के इरादे से शुरू हुई राज्य सरकार की योजना मोबाइल क्लीनिक हवा हवाई साबित हुई है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों की संख्या ज्यादा है। इस तरह के क्षेत्रों में जाने के लिए आज भी पैदल अथवा नाव से होकर जाना पड़ता है।
कई मामलों में इन क्षेत्रों में रहनेवाले आदिवासी और गरीबों को जरूरी और समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। सरकार ने उनकी इस समस्या का निपटारा करने के लिए मोबाइल मेडिकल क्लिनिकल वैन यानी मोबाइल क्लीनिक योजना शुरू की। लेकिन यह मोबाइल मेडिकल क्लिनिकल वैन आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों में पहुंच ही नहीं पा रहा है।
विधान परिषद सदस्यों ने सरकार से लिखित सवाल पूछा है कि राज्य के कई दूरदराज के इलाकों में मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं।
इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने पाड़ों, बस्तियों आदि तक पहुंचने के लिए इस साल हर जिले में मोबाइल मेडिकल क्लिनिकल वैन शुरू करने का फैसला किया है। नासिक, पालघर, नगर, ठाणे और अन्य जिलों के सुदूर आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण मरीजों को अभी भी इलाज के लिए डोली में ले जाना पड़ता है।
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