महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : महायुति का सुलझा पेंच... गोपाल, प्रकाश, अमरजीत, निरुपम का नाम फाइनल, वर्सोवा से लवेकर को फिर मौका
Maharashtra Assembly Elections: Mahayuti's problem solved... Gopal, Prakash, Amarjeet, Nirupam's names finalized, Lavekar gets another chance from Versova
सूत्रों के अनुसार इन सीटों पर प्रकाश मेहता, गोपाल शेट्टी, संजय निरुपम, भारती लवेकर एवं अमरजीत सिंह को उम्मीदवारी मिलना तय है। मुंबई की 36 विधानसभा सीटों सहित महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है। इसके लिए 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई थी।
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के लिए सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन के मामले में महायुति अपने झगड़े निपटाने के करीब है, हालांकि जब फार्म भरने में सिर्फ़ दो दिन शेष बचे हैं, अभी भी कई सीटों पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच महायुति में घाटकोपर पूर्व, बोरिवली, दिंडोशी, वर्सोवा और कलीना का पेंच सुलझने का दावा किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार इन सीटों पर प्रकाश मेहता, गोपाल शेट्टी, संजय निरुपम, भारती लवेकर एवं अमरजीत सिंह को उम्मीदवारी मिलना तय है। मुंबई की 36 विधानसभा सीटों सहित महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है। इसके लिए 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई थी।
29 अक्टूबर तक इच्छुक उम्मीदवार उम्मीदवारी अर्ज दाखिल कर सकते हैं। महायुति और महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे पर पूरी सहमति नहीं बन पाने तथा कुछ विधानसभा क्षेत्रों में एक से अधिक इच्छुक होने के कारण शनिवार को देर रात तक पेंच फंसा रहा।
घाटकोपर-पूर्व विधानसभा सीट- 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तत्कालीन विधायक प्रकाश मेहता का टिकट काट कर पराग शाह को उम्मीदवार बनाया था। पराग शाह ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सतीश सीताराम पवार को 53,319 वोटों से हराया था।
लेकिन, 2024 विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री प्रकाश मेहता ने घाटकोपर-पूर्व विधानसभा सीट पर एक बार फिर से अपना दावा ठोक दिया। खबर है कि पार्टी ने पराग शाह का टिकट काट कर प्रकाश मेहता को उम्मीदवारी देने का निर्णय ले लिया है।
इस सीट पर 2019 में बीजेपी ने सुनील राणे को उम्मीदवार बनाया था। स्थानीय नहीं होने के बावजूद सुनील राणे ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कुमार खिलारे को 95 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था। लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उत्तर मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी का टिकट काटकर पीयूष गोयल को उम्मीदवार बनाया।
नाराज होने के बाद भी शेट्टी ने पूरी निष्ठा से पीयूष गोयल को जिताने का प्रयास किया और पीयूष भारी मतों से जीते भी। अब गोपाल ने बोरीवली से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है सूत्रों का दावा है कि शेट्टी को दिल्ली में व्यस्त रहने वाले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का भी समर्थन मिला, नतीजतन बोरीवली से शेट्टी का टिकट कंफर्म कर दिया गया है।
बीजेपी के इंटरनल सर्वे में वर्सोवा की मौजूदा विधायक भारतीय लवेकर की रिपोर्ट निगेटिव आने की जानकारी सामने आई थी। इसके अलावा वर्सोवा बीजेपी के उत्तर भारतीय नेता संजय पांडे सहित कई अन्य भी चुनाव लड़ना चाहते थे।
इस वजह से बगावत की आशंका को देखते हुए उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नहीं हो सकी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि लाडली बहन और महिलाओं से जुड़ी दूसरी योजनाओं के कारण महिलाओं की बदली सोच को देखते हुए पार्टी ने लवेकर को वर्सोवा से एक बार फिर से उम्मीदवारी दिए जाने पर निर्णय लिया है।
दिंडोशी, अंधेरी-पूर्व, और क़ालीना विधानसभा सीटों की अदली-बदली को लेकर बीजेपी तथा शिवसेना (शिंदे गुट) में चर्चा चल रही थी। संजय निरुपम ने दिंडोशी या कलीना से टिकट की मांग की थी। तो वहीं कलीना से बीजेपी के अमरजीत सिंह एक बार फिर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
2019 विधानसभा चुनाव में दिंडोशी से शिवसेना के सुनील प्रभु, अंधेरी-पूर्व से शिवसेना के रमेश लटके (बाद में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी चुनाव जीती थी) तथा कलीना से शिवसेना के संजय पोतनीस चुनाव जीते थे। ऐसे में 2019 में मिली जीत और मौजूदा विधायक के फॉर्मूले के तहत ये तीनों सीटें शिवसेना (शिंदे गुट) के हिस्से में जानी थी।
लेकिन, बीजेपी ने इनमें से एक सीट (खासकर अंधेरी-पूर्व की सीट) पर मुरजी पटेल को लड़ाना चाहती थी। जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) अंधेरी-पूर्व से सेवानिवृत्त एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी संस्कृति शर्मा को चुनाव लड़ाना चाहता है। शिंदे गुट कालीना सीट देने को तैयार हो गई है।
बीजेपी से अमरजीत सिंह तथा शिंदे गुट में दिंडोशी से संजय निरुपम की उम्मीदवारी तय हो गई है। अंधेरी-पूर्व की सीट से शिंदे गुट मुरजी पटेल को उम्मीदवारी देने को तैयार है लेकिन उसकी शर्त यह है कि पटेल धनुष बाण चुनाव चिन्ह लेकर यानी शिंदे गुट से चुनाव लड़ें। फ़िलहाल अंधेरी-पूर्व सीट पर सिंबल और उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
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