लाडली बहन योजना : सातवीं किस्त का इंतजार कर रही लाभार्थी महिलाओं के खाते में 26 जनवरी तक आ सकता है पैसा
Ladli Behan Yojana: Beneficiary women waiting for the seventh installment may get money in their account by January 26
विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। योजना के तहत सातवीं किस्त का इंतजार कर रही लाभार्थी महिलाओं के खाते में ‘गणतंत्र दिवस’ यानी 26 जनवरी तक पैसा आ सकता है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को इस बारे में खुलासा करते हुए कहा कि दो दिन पहले हमने बहनों को सातवीं किस्त के पैसे के भुगतान के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को 3700 करोड़ रुपए का चेक दिया है।
मुंबई: विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। योजना के तहत सातवीं किस्त का इंतजार कर रही लाभार्थी महिलाओं के खाते में ‘गणतंत्र दिवस’ यानी 26 जनवरी तक पैसा आ सकता है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को इस बारे में खुलासा करते हुए कहा कि दो दिन पहले हमने बहनों को सातवीं किस्त के पैसे के भुगतान के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को 3700 करोड़ रुपए का चेक दिया है।
एनसीपी के शिर्डी में आयोजित दो दिवसीय राज्यव्यापी नव संकल्प शिविर के दूसरे दिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चिंता मत करें, चाहे कुछ भी हो जाए, ‘लाडली बहन’ योजना जारी रहेगी। जरूरतमंद महिलाओं को इसका लाभ मिलना चाहिए और महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस जिम्मेदारी को अब तक बखूबी निभाया है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आगे कहा कि मैं उन लोगों के बारे में अलग ढंग से सोचूंगा जो अमीर हैं, कर देते हैं, नौकरी करते हैं और जिनके दिन अच्छे से कट रहे हैं। फिलहाल इस योजना के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को 3700 करोड़ रुपए का चेक पिछले दिनों दिया गया।
अनुशासन लागू करने वाला होगा बजट
सोमवार से वह विभिन्न विभागों के साथ बैठक करेंगे, ऐसा कहते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष का बजट वित्तीय अनुशासन लागू करने वाला होगा। विधानसभा चुनाव के बाद हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। लोकसभा में महायुति को कम सीटें मिलीं। हालांकि, अब तस्वीर बदल गई है। विधान सभा में हमें अच्छी सफलता मिली है। लेकिन कोई भी सफलता या असफलता स्थायी नहीं होती। इसलिए हमें इसमें निरंतरता सुनिश्चित करने की जरूरत है।
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