मुंबई : गारमेंट कारखाने पर छापेमारी; 6 नाबालिग बच्चों को काम करते हुए पाया
Mumbai: Raid on garment factory; 6 minor children found working

कई जगहों पर नाबालिग बच्चों से भी काम कराया जा रहा है. इनमें ज्यादातर नाबालिग कामगार बिहार और यूपी से आते हैं. मुंबई क्राइम ब्रांच की स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट को मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार के दिन सरकारी कामगार अधिकारी और लोकल RAK मार्ग पुलिस ने ज्वाइंट ऑपेरेशन करते हुए शिवड़ी इलाके में स्थित एक गारमेंट कारखाने पर छापेमारी की. पुलिस ने यहां 6 नाबालिग बच्चों को काम करते हुए पाया.
मुंबई : कई जगहों पर नाबालिग बच्चों से भी काम कराया जा रहा है. इनमें ज्यादातर नाबालिग कामगार बिहार और यूपी से आते हैं. मुंबई क्राइम ब्रांच की स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट को मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार के दिन सरकारी कामगार अधिकारी और लोकल RAK मार्ग पुलिस ने ज्वाइंट ऑपेरेशन करते हुए शिवड़ी इलाके में स्थित एक गारमेंट कारखाने पर छापेमारी की. पुलिस ने यहां 6 नाबालिग बच्चों को काम करते हुए पाया.
सूत्रों ने बताया कि उन 6 नाबालिग बच्चों में से 3 बच्चों की उम्र 17 साल, 2 बच्चों की उम्र 15 साल और एक बच्चे की उम्र 16 साल है. एक अधिकारी ने बताया कि इन नाबालिग बच्चों में से 5 नाबालिग बच्चे बिहार से हैं तो एक बच्चा उत्तर प्रदेश से है. पुलिस ने आगे बताया की इस मामले में गारमेंट के संचालक मोहम्मद जियाउल्लाह अल्लाउद्दीन अश्रफ (40) के खिलाफ जुविनायल जस्टिस एक्ट की धारा 75, 79 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
2024 में 61 और 2025 में अबतक 26 बच्चों का रेस्क्यू
पुलिस सूत्रों ने बताया कि साल 2024 में बाल कामगार रखने के कुल 28 FIR मुंबई के अलग अलग पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी, जिसमें कुल 61 बच्चों को रेस्क्यू किया गया. वहीं साल 2025 में नाबालिगों से काम करवाने के मामले मुंबई के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में कुल 12 FIR दर्ज की गई हैं, जिसमें अब तक 26 बच्चों का रेस्क्यू किया गया है.
फैक्ट्री के संचालकों पर कार्रवाई
एक अधिकारी ने बताया कि हम लगातार अलग अलग इन्फॉर्मेशन के आधार पर काम करते हुए अलग अलग इस्टैब्लिशमेंट्स में छापेमारी करते हैं और फिर अगर वहां इस्टैब्लिशमेंट्स के संचालक ने नाबालिग को नौकरी पर रखा है तो उसके खिलाफ करवाई की जाती है और बच्चों को रेस्क्यू किया जाता है.
87 बच्चों का रेस्क्यू
पिछले साल और इस साल को मिलाकर अब तक 87 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया है और इन रेक्यु कोई गए नाबालिग बच्चों में ज्यादातर बच्चे उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से हैं जिनकी उम्र 15 साल से 17 साल के बीच है. कई बार ऐसे रेस्क्यू किए गए बच्चे जवाब में यही बताते हैं कि उनके घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं है और परिवार को फाइनेंशियल मदद मिल जाये, इसके लिए वे अपनी मर्जी से यहां हजारों किलोमीटर का सफर तय कर काम करने आते हैं.
पुलिस ने आगे बताया कि रेस्क्यू किये गए बच्चे गारमेंट फैक्ट्री, होटल (रेट्रोरेन्ट), लेदर कारखाना, किराना दुकान, बैंगल कारखाना, टी-सेंटर, फ़ास्ट फूड शॉप (छोला भटूरा) और कैटरर्स जैसे संस्थान में काम करते हुए पाए गए हैं. इन सभी मामलों में SJPU ने नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू करवाकर लोकल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाकर आगे की कार्रवाई का जिम्मा उन्हें ही दे दिया है.
Today's E Newspaper
Video
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List