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मुंबई : रश्मि शुक्ला को तत्काल डीजीपी पद से हटाया जाए - नाना पटोले

मुंबई : रश्मि शुक्ला को तत्काल डीजीपी पद से हटाया जाए - नाना पटोले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर रश्मि शुक्ला को तत्काल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से हटाने की मांग की है। पटोले ने पत्र में कहा कि रश्मि शुक्ला बेहद विवादास्पद अधिकारी हैं। उनकी सेवा जून 2024 में खत्म हो गई थी, लेकिन महायुति सरकार ने उन्हें जनवरी 2026 तक नियम विरुद्ध सेवा विस्तार दिया है।
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रश्मि शुक्ला अब साल 2026 तक होंगी महाराष्ट्र की डीजीपी... लगभग दो साल का कार्यकाल में सेवा विस्तार दिया गया है

रश्मि शुक्ला अब साल 2026 तक होंगी महाराष्ट्र की डीजीपी... लगभग दो साल का कार्यकाल में सेवा विस्तार दिया गया है सुप्रीम कोर्ट का आदेश कहता है कि जिस किसी को दो साल का फिक्स कार्यकाल दिया जाए, उसका उम्र के हिसाब से उस पद से रिटायर होने से पहले कम से कम छह महीने का कार्यकाल बाकी हो। रश्मि शुक्ला को डीजीपी बनाने का ऑर्डर महाराष्ट्र सरकार ने 4 जनवरी, 2024 को निकाला था (उन्होंने 9 जनवरी को कार्यभार संभाला), उनका 30 जून को पहले रिटायरमेंट ड्यू था, इसलिए बतौर डीजीपी उनका 4 जनवरी से 30 जून, 2024 तक छह महीने का कार्यकाल पूरा नहीं हो रहा।
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महाराष्ट्र में प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना है - DGP रश्मि शुक्ला 

महाराष्ट्र में प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना है - DGP रश्मि शुक्ला  रश्मि शुक्ला ने पत्र में कहा है कि पिछली गलतियों को पीछे छोड़कर आपका विश्वास जीतना हमारी जिम्मेदारी है। रश्मि शुक्ला ने पत्र में लिखा कि मेरी प्राथमिकता पूरे महाराष्ट्र में प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। डीजीपी ने कहा, मेरा मानना है कि हमारा काम तब तक अप्रभावी है जब तक हम उस जनता का विश्वास और समर्थन नहीं जीत लेते जिसकी हम सेवा करते हैं
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डीजीपी का आदेश रद्द... मुंबई पुलिस एक्ट तहत दर्ज मामले नहीं हो सकते तड़ीपार का आधार - हाईकोर्ट

डीजीपी का आदेश रद्द...  मुंबई पुलिस एक्ट तहत दर्ज मामले नहीं हो सकते तड़ीपार का आधार - हाईकोर्ट कांदिवली (पूर्व) समता नगर निवासी इम्तियाज हुसैन सैयद के खिलाफ तड़ीपारी के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के आदेश को बॉम्बे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। अदालत ने पाया कि जिन 7 आपराधिक मामले में याचिकाकर्ता को तड़ीपार किया था, उसमें हाल में दर्ज दो मामलों में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है।
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