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Maharashtra 

मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना को बंद करने की ताकत किसी में नहीं है - CM शिंदे

मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना को बंद करने की ताकत किसी में नहीं है - CM शिंदे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार की प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ को बंद करने की ताकत किसी में नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार फिर से सत्ता में आती है तो 1,500 रुपये की मासिक राशि बढ़ा दी जाएगी. यहां ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे स्मृति उद्यान’ के उद्घाटन कार्यक्रम में शिंदे ने महिला लाभार्थियों से उन ‘सौतेले भाइयों’ (विपक्ष के संदर्भ में) से सावधान रहने को कहा, जो योजना को बंद करने के लिए बाधा डाल रहे हैं.  
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Maharashtra 

आदित्य ठाकरे का होर्डिंग की योजना को लेकर BJP पर वार... BMC को बेवजह लव लेटर लिखना बंद करें - देवड़ा

आदित्य ठाकरे का होर्डिंग की योजना को लेकर BJP पर वार... BMC को बेवजह लव लेटर लिखना बंद करें - देवड़ा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डीसीएम देव फडणवीस के नेतृत्व में हमने मुंबई में बुनियादी ढांचे में पर्याप्त प्रगति देखी है। जब आपने मुंबई मेट्रो जैसी बड़ी परियोजनाओं को रोक दिया तो महायुति ने उन्हें समय सीमा से पहले पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया।' उन्होंने आगे कहा, 'स्पष्ट रूप से, मुंबई को महालक्ष्मी रेसकोर्स में सबसे बड़ा सार्वजनिक पार्क मिलेगा, जो आपके 2013 के थीम पार्क के विचार को अभूतपूर्व हरियाली से बदल देगा।'
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Mumbai 

मनपा लोकसभा चुनाव कार्य से नहीं लौटे कर्मचारियों का रोकेगी वेतन

मनपा लोकसभा चुनाव कार्य से नहीं लौटे कर्मचारियों का रोकेगी वेतन मनपा प्रशासन के इस तरह के कठोर निणर्य से मनपा और जिलाधिकारी के बीच दूरियां पैदा होने की आशंका है। मनपा का कहना है कि मानसून का आगमन मुंबई में हो चुका है। कर्मचारियों की सख्त आवश्यकता है। इसके बावजूद कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं लौटने पर कार्रवाई करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
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SC ने कहा जमानत की शर्त के तहत अदालतें लोगों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से नहीं रोक सकतीं

SC ने कहा जमानत की शर्त के तहत अदालतें लोगों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से नहीं रोक सकतीं उच्च न्यायालय ने अगस्त 2022 में उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए यह शर्त लगाई थी। शीर्ष अदालत ने अपने 22 मार्च के आदेश में कहा, हमने पाया है कि ऐसी शर्त लगाने से अपीलकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा और ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई जा सकती है। इसमें कहा गया है, इसलिए, हम उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्त को उस सीमा तक रद्द और खारिज करते हैं, जैसा कि ऊपर बताया गया है। दास ने जमानत पर रिहाई का निर्देश देते हुए 11 अगस्त, 2022 के आदेश में लगाई गई शर्त में संशोधन की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
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