संजय राउत के 24 घंटे में बदले सुर... कभी भी विपक्षी गठबंधन को खत्म करने की बात नहीं कही
Sanjay Raut's tone changed in 24 hours... he never talked about ending the opposition alliance
राउत की यह टिप्पणी उनके एक दिन पहले के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई नगरपालिका चुनाव अकेले लड़ेगी। राउत के बयान के बाद विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया था, जिसके बाद उनकी अब सफाई आई है।
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के सुर अब बदलते दिख रहे हैं। स्थानीय निकाय चुनावों को अकेले लड़ने और कांग्रेस पर हमला बोलने वाले राउत के तेवर आज नरम दिखे। राउत ने कहा कि उनकी पार्टी अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले उतरना चाहती है और उन्होंने कभी भी विपक्षी इंडी गठबंधन और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को भंग करने का आह्वान नहीं किया है।
राउत की यह टिप्पणी उनके एक दिन पहले के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई नगरपालिका चुनाव अकेले लड़ेगी। राउत के बयान के बाद विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया था, जिसके बाद उनकी अब सफाई आई है।
पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा था कि एमवीए का गठन विधानसभा चुनावों के लिए और इंडी गठबंधन का गठन लोकसभा चुनावों के लिए किया गया था। स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए हैं।
राज्यसभा सांसद ने ये भी कहा था कि कांग्रेस के कारण इंडी गठबंधन में दरार आई है। लोकसभा चुनाव के बाद से सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने एक भी बैठक नहीं ली और न ही कोई रणनीति बनाई गई। यहां तक कि राउत ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता कहते हैं कि गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं है। अगर लोगों के मन में ऐसी भावना आ गई तो इसके लिए गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस जिम्मेदार होगी।
एमवीए गठबंधन में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी (शरद चंद्र पवार) शामिल हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की योजना के बारे में उनकी आलोचना करने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि पुरानी पार्टी के सदस्यों को प्रतिक्रिया देने से पहले उनकी पूरी टिप्पणी सुननी चाहिए।
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