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मुंबई: 16 साल बाद 88 लाख के शुल्क चोरी धोखाधड़ी मामले में 7 कस्टम अधिकारी बरी...

मुंबई: 16 साल बाद 88 लाख के शुल्क चोरी धोखाधड़ी मामले में 7 कस्टम अधिकारी बरी... मुंबई के विदेश व्यापार के संयुक्त महानिदेशक के कार्यालय से प्राप्त किया और कोहली को सौंप दिया। उक्त प्रमाणपत्र के आधार पर कोहली ने निर्यात दस्तावेजों में माल की गलत घोषणा करके अमरीन इम्पेक्स के नाम पर माल का धोखाधड़ी से निर्यात किया और मुंबई के विदेश व्यापार के संयुक्त महानिदेशक के कार्यालय से डीईपीबी लाइसेंस प्राप्त किया। हालांकि, मुकदमा लंबित रहने तक कोहली की मृत्यु हो गई।
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ठाणे जिले में अपहरण का आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी...

ठाणे जिले  में अपहरण का आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी... पीड़िता को जिले के भयंदर इलाके के उत्तान में एक झुग्गी बस्ती में पाया गया। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, बलात्कार, धमकी देने और पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की। अदालत ने कहा कि पीड़िता ने दावा किया है कि उसे आरोपी के एक रिश्तेदार के घर ले जाया गया जहां कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया गया। हालांकि, उसकी गवाही से पता चला कि दोनों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध बने थे और वह आरोपी से शादी करना चाहती थी।
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मुंबई : जेल सिपाहियों की चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोपों से नौ पुलिस अधिकारी बरी

मुंबई : जेल सिपाहियों की चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोपों से नौ पुलिस अधिकारी बरी राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पुणे के तत्कालीन उप महानिरीक्षक जेल (पश्चिमी क्षेत्र), धनजी चौधरी, उनकी निजी सचिव निर्मला जाधव और स्थापना क्लर्क चांद दादासाहेब मुल्ला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। एसीबी ने आरोप लगाया कि तीनों ने एक आपराधिक साजिश रची थी, जिसके परिणामस्वरूप 67 जेल सिपाहियों के पदों के लिए चयन प्रक्रिया के दौरान जालसाजी, रिकॉर्ड में हेराफेरी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। बाद में एसीबी की चार्जशीट में नौ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया।
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ठाणे : केंद्रीय जेल में कर्मचारी से मारपीट का आरोपी अदालत से बरी...

ठाणे : केंद्रीय जेल में कर्मचारी से मारपीट का आरोपी अदालत से बरी... अदालत ने 2019 में केंद्रीय जेल में एक कर्मचारी पर हमला करने के आरोपी एक विचाराधीन कैदी को बरी कर दिया है। ठाणे जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जीटी पवार ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी समीरुद्दीन महमुदन मोहम्मद खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोकसेवक पर हमला) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप साबित करने में विफल रहा है। शनिवार को 30 मई के आदेश की प्रति उपलब्ध करायी गयी।
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