Bombay High Court
Maharashtra 

पत्नी आत्महत्या करके जेल भेजने की धमकी देती थी... बंबई हाई कोर्ट ने तलाक संबंधी आदेश को रखा बरकरार

पत्नी आत्महत्या करके जेल भेजने की धमकी देती थी... बंबई हाई कोर्ट ने तलाक संबंधी आदेश को रखा बरकरार बंबई उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि जीवनसाथी द्वारा आत्महत्या की धमकी देना या प्रयास करना ‘क्रूरता’ के समान है और यह तलाक का वैध आधार है। पति ने पारिवारिक अदालत में तलाक की अर्जी देते हुए आरोप लगाया था कि पत्नी ने उसे और उसके परिवार को आत्महत्या करके जेल भेजने की धमकी दी थी। उसने पारिवारिक न्यायालय में तलाक देने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत क्रूरता है। 
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Maharashtra 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर फर्जी पुलिस एनकाउंटर मामले में अब तक दोषी पुलिस वालों पर मामला दर्ज न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की

  बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर फर्जी पुलिस एनकाउंटर मामले में अब तक दोषी पुलिस वालों पर मामला दर्ज न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की बदलापुर फर्जी पुलिस एनकाउंटर मामले में अब तक दोषी पुलिस वालों पर मामला दर्ज न किए जाने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में सरकारी अधिवक्ता अमित देसाई की जिरह के बाद हाई कोर्ट ने आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। बदलापुर यौन उत्पीडन मामले के आरोपित अक्षय शिंदे की पुलिस के फर्जी एनकाउंटर में मौत मामले की सुनवाई आज हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की पीठ के समक्ष हो रही थी। कोर्ट ने सरकारी वकील से सवाल किया कि बदलापुर यौन उत्पीडऩ मामले के आरोपित की फर्जी मुठभेड़ में मौत के मामले में अभी तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई है।
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Mumbai 

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 96 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 20 वर्षों से मुआवजा नहीं मिला...

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 96 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 20 वर्षों से मुआवजा नहीं मिला... 1957 से 1972 के बीच बुजुर्ग महिला की जमीन तीन चरणों में अधिग्रहीत की गई थी। यह जमीन मुलुंड में गोपाल कृष्ण गोखले रोड के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत हुई थी। 1988 में अधिग्रहण के एवज में मुआवजे की मांग से जुड़ी महिला की याचिका पहले पंजीकृत हुई थी। लक्ष्मी अडवल नाम की बुजुर्ग महिला ने अथॉरिटी से एफएसआई और टीडीआर के रूप में कई बार मुआवजा देने का आग्रह किया था।
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National 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।20 फरवरी को हुई बैठक में कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति शैलेश प्रमोद ब्रह्मे, फिरदौस फिरोज पूनीवाला और जितेंद्र शांतिलाल जैन के नामों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में मंजूरी दी। इसने यह भी सिफारिश की कि बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त हाईकोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंजूषा अजय देशपांडे का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए।
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